अनोखी भिखारिन जिसने मंदिर को ही कर दिए 2.5 लाख दान
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मैसूर में एक भिखारिन ने उसी मंदिर को दान में करीब ढाई लाख रुपये दिए हैं जिसके दरवाजे पर वो भीख मांगा करती है।
काम करने में असमर्थ होने के बाद मांगने लगी भीख
85 साल की हो चुकी झुकी कमर वाली एमवी सीतालक्ष्मी सालों तक घरों में काम करने वाली बाई थीं। जब उम्र के चलते वे काम करने में असमर्थ हो गईं तो दक्षिण भारत के मैसूर नगर के पास वान्तिकोप्पाल में प्रसन्ना अंजनेया स्वामी मंदिर के बाहर भीख मांगने लगीं। इस मंदिर से उनका गहरा जुड़ाव हो गया और वहां के कुछ लोग उनकी देखभाल भी करने लगे। जैसे नहाने और खाने पीने में सहायता करना।
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प्रसाद और सुविधायों के लिए ढाई लाख
इसी साल उन्होंने गणेश उत्सव पर मंदिर को 30,000 रुपये दान में दिए थे और अब कुछ ही दिन पहले वे मंदिर के ट्रस्ट के चेयरमैन के साथ बैंक गईं और उन्हें 2 लाख रुपये निकाल कर दान स्वरूप मंदिर के लिए दे दिए। सीतालक्ष्मी वैसे कुल मिला कर 2.5 लाख रुपये मंदिर को दान कर चुकी हैं। उन्होंने ये पैसे मंदिर में दशर्नाथियों को मिलने वाली सुविधाओं को बेहतर बनाने और विशेष रूप से हर साल हनुमान जयंती पर आने वाले भक्तों को प्रसाद वितरित करने के लिए दिए हैं।
लोकप्रिय हो गई हैं सीतालक्ष्मी
जब से सीतालक्ष्मी के दान की खबर सार्वजनिक हुई है वे काफी लोकप्रिय भी हो गई हैं। हालाकि मंदिर के लोगों की मानें तो वे पहले भी भीख के लिए मंदिर आने वालों के पीछे नहीं पड़ती थीं पर अब तो बिलकुल शांत रहती हैं और जो कोई जो भी देता है ले लेती हैं। जबसे उनके दान के बाद स्थानीय एमएलए ने उन्हें सम्मानित किया है मंदिर आने वाले उन्हें पहचानने लगे हैं। अब श्रद्धालु भीख में उन्हें ज्यादा राशि दे देते हैं और उनका आर्शिवाद भी लेते हैं। वहीं सीतालक्ष्मी का कहना है कि ये मंदिर उनके लिए सब कुछ है और पैसे उनके पास रहते तो या तो बेकार रहते या चोरी हो जाते इसलिए उन्होंने मंदिर को दान कर दिए।
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