BSSC – इंटर टॉपर घोटाला के आरोपी अभी जेल में ही रहेंगे
पटना : बहुचर्चित पर्चा लीक मामले में अभियुक्त बनाये गये गुजरात प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर विनीत कुमार की ओर से दायर औपबंधिक जमानत पर पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीके झा की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई बुधवार को भी टल गयी.
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बिहार सरकार ने परीक्षा रद्द कर दिया था. मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम ने आयोग के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम तथा आयोग के डाटा एंट्री ऑपरेटर नितिरंजन प्रताप को गिरफ्तार किया था. सरकार ने भी इस प्रकरण पर तुरंत कदम उठाते हुए, हो चुकी तथा होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया था. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इंटर स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के लिए चार तारिखों का ऐलान किया था. दो परीक्षाएं 29 जनवरी और पांच फरवरी को हो चुकी थीं, जबकि अन्य परीक्षाएं 19 फरवरी और 26 फरवरी को होनी थी.
पहले दो चरणों में हुई परीक्षा के प्रश्न-पत्र और उनके उत्तर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. लेकिन आयोग ने किसी भी तरह की लीकेज मानने से इंकार कर दिया था. जबकि पेपर देने आए छात्रों ने सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न-पत्रों में एक सेट को सही बताया था. छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया.
छात्रों का हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुआई में एक जांच दल गठित किया गया और जगह-जगह छापेमारी की गई और आयोग के अध्यक्ष सचिव, गुजरात प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार उनके कर्मचारियों बिपिन कुमार सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले में कई राजनेता सहित IAS अधिकारी की संलिप्तता है. इसलिए इसकी सीबीआई जांच कराने पर बड़े रैकेट का पर्दाफाश होगा.
वहीं इंटर टापर घोटाला के मुख्य अभियुक्त बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई पटना उच्च न्यायालयके जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ के समक्ष बुधवार को नहीं हो सकी. अब इस मामले की सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में इंटर की परीक्षा में पैसे लेकर टाॅपर बनाने का खुलासा होने के बाद मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गयी थी. जिसने जांच में पाया कि इस मामले का मास्टर माइंड बच्चा राय है जो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह सहित बोर्ड के अन्य कर्मियों की मिली भगत से परीक्षा दिलाने से लेकर उनकी कापियों को बदलवाने और नंबर बढ़वाकर टाॅप कराता था. पुलिस ने मामले में करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया.
इसमें मुख्य रूप से बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लाल केश्वर प्रसाद सिंह, उनकी पत्नी उषा सिन्हा, पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा, राजेन्द्र नगर ब्वायज हाई स्कूल के प्राचार्य विशेश्वर यादव, मूल्यांकन केन्द्र के संयोजक संजीव कुमार सुमन सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट भी दाखिल किया जा चुका है. मामले में बच्चा राय की जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी है. वहीं बोर्ड अध्यक्ष की पत्नी श्रीमती उषा सिन्हा जमानत पर है. अन्य अभियुक्तों को अभी तक हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है.