अलीगढ़। अलीगढ़ में सलाखों के पीछे सांस ले रहे तीन कैदी 15 अगस्त पर खुले में जी सकेगें। 70 वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेश सरकार ने पहली बार कैदियों को राहत दी है। 70 बंदियों को स्वत्रंतता दिवस पर अपने परिजनों के साथ खुशियां मना सकेंगें। अलीगढ़ कारागार में बंद तीन बंदी भी इनमें शामिल है। इनके नाम आकाश, अर्जुन और राजेश है, जो कि चोरी व एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में है।
उड़ान सामाजिक संस्था ने दिया जुर्माना
पिछले नौ महीनों से ये जेल में है। जेल अधीक्षक के अनुसार जुर्माना अदा नहीं करने पर जेल की कोठरी में ही समय बिताना पड़ रहा है। उड़ान सामाजिक संस्था ने इन बंदियों का जुर्माना अदा करने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि इनका जुर्माना 15 हजार 4 सौ रुपये थे। जिसे सामाजिक संगठन ने दिया है, और 15 अगस्त को जेल की सलाखों के बाहर सांसे ले सकेगें। राज्य सरकार ने ऐसा निर्णय पहली बार लिया है। जिससे बंदियों के परिवार में खुशी है।
अपने परिवार से मिलेगें कैदी
स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने परिवार से मिल सकेगें। हालांकि ये अपनी सजा काट चुके थे। लेकिन जुर्माना अदा नहीं करने पर जेल से बाहर नहीं आ सके। अब देश के 70 वे स्वतंत्रता दिवस पर जेल से आजाद हो सकेगें। आजादी के 70 साल होने पर यह पुन्य काम किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के इस फैसले की सराहना हो रही है।
पैसे न होने पर जमानत नहीं हो पाई
जेल में कई ऐसे बंदी है जो रुपयों के अभाव में जमानत नहीं करा पाते या फिर जुर्माना अदा नहीं करने पर जेल की सलाखों के पीछे ही जीवन काटना पड़ता है। ऐसे लोगों से कारागार भरा रहता है। और बंदी भी गुमनामी की जिंदगी जीता है। ज्यादा गंभीर अपराध में संलिप्त नहीं होने , और अपनी सजा पूरी करने के बाद भी कई लोग जेल में बंद है। जिन पर सरकार का ध्यान गया है। इससे जेल से बाहर आने वाले बंदियों को नया जीवन मिला है। प्रदेश सरकार की इस पहल की सराहना की जा रही है। वहीं सामाजिक संगठन के आगे आने से जेल में बंद लोगों को बाहर आने की नई दिशा मिली है।