कस्तूरबा विद्यालय कर्मी को निर्धारित मानदेय का भुगतान हो

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समस्तीपुर। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय इंपलाइज यूनियन जिला इकाई ने शुक्रवार को सरकारी बस पड़ाव में एक दिवसीय भूख हड़ताल करते हुए धरना दिया। इस दौरान एक सभा आयोजित हुई। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष गायत्री कुमारी ने की। इस दौरान सरकार के विरोध में दमनात्मक तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली नीति को वापस लेने की मांग की गयी। सुरेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण शिक्षिका और कर्मचारी विद्यालय छोड़ कर भूख हड़ताल पर बैठे है। सरकार दैनिक मजदूर को भी 280 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी देती है। लेकिन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के वार्डेन को 7200, शिक्षिका को 7000 और कर्मचारी को मात्र 3500 रुपया दिया जाता है। जबकि विद्यालय के वार्डेन, शिक्षिका एवं अन्य कर्मचारी 24 घंटें कार्य करते हैं। कठिन परिश्रम के बाद भी एक मजदूर से भी कम पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है। मौके पर शिवचंद्र, ममता कुमारी, चंदन कुमार, संदीप कुमार आदि उपस्थित रहे।

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यूनियन की प्रमुख मांगें

भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2014 से निर्धारित मानदेय का भुगतान करने, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को केंद्रीय बालिका विद्यालय घोषित करने, बिहार में भी मॉडल एक की मान्यता देने तथा संचालक से मुक्त कर वार्डेन को प्रधानाध्यापिका घोषित करने, वार्डेन का पद रिक्त होने पर वरीयता के आधार पर विद्यालय के पूर्णकालिक या अंशकालिक शिक्षिका को वार्डेन नियुक्त करने, पूर्णकालिक शिक्षिका, अंशकालिक शिक्षिका तथा लेखापाल को तृतीय वर्गीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए नियमित करने, आदेशपाल, रात्रि प्रहरी तथा रसोईया को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए नियमित करने, केजीबीभी के सभी कर्मियों को नियमित करने जिससे बालिका शिक्षा नियमित एवं स्थायी रूप से चले, चिकित्सा अवकाश संचयन के आधार पर देने तथा विशेष अवकाश एवं मातृत्व अवकाश अन्य महिला कर्मियों की भांति सवैतनिक देने, शिक्षण कार्य नियमित होने पर अंशकालिक शिक्षिका को नियमित करने, सभी कर्मियों को भविष्य निधि, पेंशन, ग्रुप जीवन बीमा, उपादान आदि का लाभ देने, अनुकंपा का लाभ आश्रितों को देने, अच्छी शिक्षा बच्चों को मिले इसके लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु सेवाकालीन प्रशिक्षण सवैतनिक लाभ देने, छटनीग्रस्त कर्मी का नियोजन की गारंटी देने, इंटर से स्नातक की योग्यता वृद्धि तीन वर्ष की जगह पांच वर्ष करने, महिला कर्मी को रहने की सुविधा बच्चों के साथ करने, ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा, सफाई कर्मी की नियुक्ति, एनजीओ संचालित बंद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का एनजीओ से मुक्त कर चालू करना है।

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