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नई दिल्ली। IMF के वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक के अंक में भारत की अर्थव्यवस्था की अनुमान वित्तीय वर्ष 2018 में 6.7 प्रतिशत रखा है, जो पहले 7.2 प्रतिशत था। IMF ने वित्त वर्ष 2019 में भी भारत की GDP का अनुमान 7.7 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। IMF ने कहा कि ‘भारत की विकास दर में सुस्ती आई है, जिसका कारण सरकार की ओर से नोटबंदी और जीएसटी है, जिससे यह स्थिति बनी है।
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IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, श्रमिक बाजार नियमों और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को व्यवसायिक माहौल के लिए और आसान बनाने की लंबे समय से अपेक्षाएं हैं। गौरतलब है भारतीय रिजर्व बैंक भी विकास दर के अनुमानों को 7.3 प्रतिशत से 6.7 प्रतिशत कर चुका है। वर्ष 2022 के लिए, IMF ने 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जबकि वर्ष 2017 में 6.7 और 2018 में 7.4 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान लगाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्तीय वर्ष 2018 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर कम कर दी है। IMF ने इसकी वजह नोटबंदी और GST को बताया है। हालांकि, IMF का कहना कि इन आर्थिक सुधारों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था फिर रफ्तार पकड़ेगी और सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा चीन से छिन कर भारत के पा आ जाएगी।
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