बीते दिन आश्विन चौबे का एक बयान सामने आया था. उनका यह बयान एम्स और बिहारी मरीजों को लेकर था. उनके इस बयान को तोड़ मरोड़ कर या कहें कि सीधे बदल कर सोशल मीडिया पर विरोध किया जा रहा है.
इन सब विवादों को देखते हुए न्यूज़ बिहार ने सीधा आश्विन चौबे से संपर्क किया. जब न्यूज़ बिहार ने आश्विन चौबे से इस मामले में जानकारी मांगी तब उन्होंने कहा कि बिहार एम्स में भी हर बीमारी के इलाज होते हैं, ऐसे में बिहार से मरीजों का छोटी छोटी बिमारियों के इलाज के लिए दिल्ली एम्स जाने का क्या अर्थ है. इसके साथ ही दिल्ली आने जाने और रहने में काफी खर्च भी करना पड़ता है। ऐसे में जब बिहार के एम्स में बेहतर इलाज मिल रहा है तो दिल्ली क्यों जाएं बिहार के मरीज। चौबे ने कहा कि एम्स के निदेशक को निर्देश दिया कि बिहार के एम्स का प्रचार प्रसार करें। लोगों को भरोसा दिलाएं की यहां भी एम्स में उसी तरह की सुविधा उपलब्ध है।
दरअसल बीते दिन बिहार एम्स को बढ़ावा देने के लिए आश्विन चौबे ने एक बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा था कि दिल्ली एम्स में 35 से 40 प्रतिशत मरीज बिहार से जा रहे हैं, इसपर कंट्रोल करना होगा.
देश भर में कई एम्स अस्पतालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 तक देश भर में 12 एम्स चालू हो जायेंगे. बिहार के ऐसे सैंकड़ो हजारों मरीज हैं जो बिहार एम्स में इलाज न करवा कर दिल्ली एम्स इलाज करवाने जाते हैं. इसी समस्या पर नियत्रन करने कि बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने बिहार एम्स को कहा है कि विज्ञापन दें कि हर तरह के बिमारियों का इलाज यहाँ होता है. उन्होंने आगे कहा कि जो चीज यहाँ हो सकता है वो हम यहाँ क्यू नही करें.
आपको बता दें कि आश्विन चौबे के इन बयानों की दिशा को बिलकुल बदल कर सोशल मीडिया पर प्रस्तुत किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे संदेश दिए जा रहे हैं कि बिहार के मरीजों की दिल्ली एम्स में ‘नो एंट्री’ हो गई है. न्यूज़ बिहार सहित कुछ ही ऐसे खबर माध्यम हैं जो बातों को मूल रूप में रख रहे हैं। इस तरह बयान को आधा अधूरा प्रस्तुत कर सनसनी फैलाने को पत्रकारिता नही कहा जा सकता है। न्यूज़ बिहार के साथ जुड़े रहिये हम आपको सिर्फ सच वो भी जैसा है वैसा दिखाएंगे।