गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत के मामलों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग का कहना है कि यह राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की बेरहमी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों और दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
बीआरडी अस्पताल में 7 अगस्त से 60 से अधिक बच्चों के मारे जाने की खबर है। आरोप है कि इनमें से अधिकतर बच्चों की मौत ऑक्सीजन आपूर्ति बंद होने की वजह से हुई। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन के बिलों का भुगतान नहीं होने की वजह से आपूर्ति रोक दी गई। आयोग ने मीडिया की कई खबरों का खुद से संज्ञान लिया है।
आयोग ने एक बयान में कहा, “किसी सरकारी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले सामने आना बेगुनाह पीड़ितों के जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।” इसमें कहा गया है कि “यह अस्पताल प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की पूरी तरह निर्दयता की ओर इशारा करता है।” साथ ही आयोग ने कहा कि उसे जापानी इन्सेफेलाइटिस की वजह से अस्पतालों में मौत के कई मामलों का पता चला है।