मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, जेडीयू और एआईएडीएमके को दो-दो मंत्रालय मिलने की संभावना
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट के अगले दो तीन दिनों में विस्तार की संभावना है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रस्तावित तमिलनाडु दौरा रद होने के कारण इसकी अटकल एकबारगी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि चार पांच नए मंत्रियों के साथ साथ वर्तमान मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि इस कड़ी में बीजेपी के कुछ मंत्रियों को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि इस विस्तार में जेडीयू और एआईएडीएमके नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में नीतीश कुमार की जेडीयू ने फिर से बीजेपी के साथ नाता जोड़ते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की घोषणा की है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि इस विस्तार में जेडीयू और एआईएडीएमके से दो-दो मंत्री बनाए जा सकते हैं।
जदयू व एआईडीएमके की एनडीए में एंट्री
चेन्नई में एआईएडीएमके के पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी गुट के बीच समझौता हो गया है। समझौते के तहत पनीरसेल्वम को राज्य में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। खबरें हैं कि एकजुट होने के बाद इस पार्टी के भी एनडीए में शामिल होने की उम्मी्द है। इस आधार पर कहा जा रहा है कि एआईएडीएमके से किन्हीं दो को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसी तरह 19 अगस्त को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बीजपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के प्रस्ताव पर औपचारिक मुहर लगाई गई। इसके साथ ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू के केंद्र में एनडीए का हिस्सा बनने का रास्ता साफ हो गया। दरअसल हाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल होने का औपचारिक आमंत्रण दिया था। यह आमंत्रण नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद दिया गया था। इस तरह चार साल बाद जदयू एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन गई है। उससे पहले 17 साल तक यह एनडीए का हिस्सा थी लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को जब बीजेपी की तरफ से पीएम पद का उम्मीहदवार बनाया गया तो विरोध में जदयू, एनडीए कैंप से बाहर हो गया था।
मोदी कैबिनेट में दिखेंगे कुछ नए चेहरे
पिछले महीनों में तीन अहम मंत्री कैबिनेट से विदा हो चुके हैं। रक्षा मंत्री रहे मनोहर परीक्कर गोवा के मुख्य मंत्री बन चुके हैं। शहरी विकास और सूचना प्रसारण की जिम्मेदारी संभाल रहे एम. वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति बन चुके हैं। और पर्यावरण का जिम्मा संभाल रहे अनिल माधव दवे का निधन हो चुका है। इन मंत्रालयों का जिम्मा दूसरे मंत्रियों के कंधे पर है। दूसरी ओर जदयू अब राजग का हिस्सा है। अन्नाद्रमुक हालांकि अभी तक राजग में नहीं आया है लेकिन उसे लेकर अटकलें हैं। ऐसे में मोदी कैबिनेट के विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही है। माना जा रहा है कि शाह ने तमिलनाडु का दौरा इसीलिए रद किया है ताकि एक दो दिनों में विस्तार को लेकर होने वाली चर्चा में मौजूद रहें। ध्यान रहे कि पिछले विस्तार से पहले भी शाह ने ही भावी मंत्रियों से चर्चा की थी। इसमें वैसे मंत्री भी शामिल थे जिनको प्रोन्नत किया गया था। जाहिर है कि सारी नजरें अगले दो दिनों तक उनके आवास और कार्यालय पर टिकी रहेंगी। उनके यहां आने जाने वाले नेताओं से ही अनुमान लगाया जाएगा।
कम से कम बनाए जाएंगे छः नए मंत्री
केंद्रीय कैबिनेट में फिलहाल 76 मंत्री हैं। ऐसे में छह मंत्री और जोड़े जा सकते हैं। आकलन लगाया जा रहा है कि जदयू के कोटे से दो मंत्री बन सकते हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कोई भी कैबिनेट मंत्री होगा या नहीं। लोकसभा में जदयू की सीटें सिर्फ दो हैं। लेकिन राज्यसभा में शरद यादव और अली अनवर अंसारी की बगावत के बाद भी आठ सदस्य हैं। शिवसेना के कोटे से अभी तक सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री है। संभव है कि उसके कोटे से भी एक मंत्री जुड़ सकता है। पहाड़ी राज्यों से एक मंत्री बनाने की अटकल है। इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार में उन राज्यों को भी विशेष तवज्जो दी जाएगी जिन राज्यों में इस साल या अगले साल चुनाव होने हैं।