चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन Amarinder Singh के करीबी और दाहिना हाथ माने जाते Energy Minister Rana Gurjeet Singh का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद कैप्टन ने इसकी पुष्टि की है।
रेत खनन विवाद में घिरने के बाद राणा ने इस्तीफा दिया था, लेकिन कैप्टन इसे स्वीकार करने के मूड में नहीं थे। बताया जा रहा है कि राहुल ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा, इसके बाद इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। आम आदमी पार्टी के विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा लगातार राणा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे।
गौरतलब है कि नीलामी में अपने रसोइए के नाम पर रेत खड्डों लेने और 1000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले के मुख्य आरोपी गुरिंदर सिंह से पांच करोड़ रुपये राजबीर एंटरप्राइसिस के लिए लेने के आरोपों में फंसे राणा गुरजीत ने इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को लेकर सचिवालय में ही नहीं, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी खूब चर्चा रही। कुछ लोग इसे देरी से उठाया हुआ सही कदम बता रहे थे।
कुछ का कहना है कि उनके इस्तीफे ने आम आदमी पार्टी में भी जान फूंक दी है। आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल खैहरा ने ही इस मुद्दे को सबसे ज्यादा उछाला। सूचना अधिकार का उपयोग करके उन्होंने राणा की कंपनियों से संबंधित कई दस्तावेज पेश किए। यहां तक कि नारंग कमीशन की रिपोर्ट भी उन्होंने सूचना अधिकार का उपयोग करके ही ली।
इस रिपोर्ट के आधार पर ही सिंचाई विभाग के ठेकेदार गुरिंदर सिंह से पांच करोड़ रुपये राणा की कंपनी द्वारा लेने का लिंक सामने आया। गुरिंदर सिंह एक हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले के मामले में विजिलेंस की कैद में हैं। सुखपाल खैहरा ने नारंग कमीशन को भी कठघरे में खड़ा किया और कई ऐसे सवाल दागे, जिनके बारे में नारंग कमिशन की रिपोर्ट खामोश थी।