मेट्रो मैन का इस्तीफा, CM योगी ने दिया वाराणसी-आगरा-मेरठ!

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है, गौरतलब है कि, लखनऊ में बन रही मेट्रो के सलाहकार और ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास अपना इस्तीफ़ा(metro man resignation) देने पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहाँ मेट्रो मैन के इस्तीफे को नामंजूर किया, बल्कि उन्हें अतिरिक्त कार्यभार भी सौंप दिया गया।

85 साल के ई. श्रीधरन कम करना चाहते थे अपने काम का बोझ

ज्ञात हो कि, मेट्रो मैन मौजूदा समय में 85 साल के हैं, जिसके तहत वे अपने काम के बोझ को कम करना चाहते थे।
जिसके चलते मेट्रो मैन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे थे।
यह घटना पिछले महीने जून की है जब मेट्रो के काम के निरीक्षण के लिए मेट्रो मैन राजधानी में मौजूद थे।
इस दौरान श्रीधरन लखनऊ और कानपुर मेट्रो के सलाहकार पद से इस्तीफ़ा देना चाहते थे।
श्रीधरन चाहते थे कि, उनके काम के बोझ को थोड़ा कम कर दिया जाये,
लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो मैन को और जिम्मेदारी दे दी।
यह जानकारी मेट्रो मैन ने मंगलवार को कोच्ची में एक निजी मीडिया पोर्टल को दी।

इस्तीफ़ा देने की मंजूरी नहीं

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मेट्रो मैन ई. श्रीधरन ने आगे बताया कि, इस्तीफे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि,
मैं आपको इस्तीफ़ा देने की इजाजत नहीं दे सकता हूँ,
बल्कि आपको वाराणसी, आगरा और मेरठ मेट्रो की भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
साथ ही उन्होंने बताया कि, वाराणसी, आगरा और मेरठ में मेट्रो के सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
इसके साथ ही लखनऊ में पहले चरण का 10.5 किलोमीटर का ट्रैक तैयार हो गया।
अब सिर्फ मेट्रो रेलवे सुरक्षा के कमिश्नर का निरीक्षण बाकी है।

सपा सरकार के बाद भाजपा सरकार आने से मेट्रो पर कोई फर्क नहीं

मेट्रो मैन ने आगे बताया कि, लखनऊ मेट्रो के शुरू होने में हो रही देर के पीछे की वजह सरकार में बदलाव नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि, सपा सरकार के बाद भाजपा की सरकार आने से मेट्रो के काम में कोई फर्क नहीं पड़ा है।
साथ ही देश के अन्य भागों में मेट्रो सुविधा पर मेट्रो मैन ने कहा कि, इसके लिए अभी लम्बा रास्ता तय करना है।

चाइना में हर साल 300 किमी मेट्रो का निर्माण

उन्होंने आगे कहा कि, चाइना में हर साल 300 किमी मेट्रो का जाल बिछाया जाता है।
वहीँ भारत में यह आंकड़ा सिर्फ 22 किमी का है।
उन्होंने आगे इसमें आगे जोड़ा कि, अगर शहरों को बचना है तो मेट्रो बहुत जरुरी है।
साथ ही उन्होंने कहा कि, हमें कम से कम 200 किमी एक साल में बनाने पर जोर देना चाहिए।

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