New York: पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ बोलना महंगा पड़ गया। दरअसल, इस बार पाकिस्तान की तरफ से मलीहा लोधी ने सर्जिकल स्ट्राइक और कश्मीर का मसला फिर उठाने की कोशिश की। इस पर भारत को जवाब देने के लिए 10 मिनट का समय मिला, लेकिन भारत ने सिर्फ 45 सेकेंड में ऐसा जवाब दे डाला, जिसने मलीहा लोधी की बोलती बंद कर दी। इस दौरान भारतीय महिला राजनयिक के जवाब पर हॉल भारतीय दल की तालियों से गूंज उठा।
दरअसल, पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने सर्जिकल स्ट्राइक के एक साल पूरा होने पर सेना प्रमुख बिपिन रावत की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए इसे झूठा दावा और खुली धमकी बताया। लोधी ने सवालिया लहजे में कहा कि इस तरह के झूठे दावे करके और खुली धमकी देकर क्या भारत के नेता पाकिस्तान के साथ लड़ाई को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। लोधी ने कहा कि यह धमकियां पाकिस्तान को आत्मरक्षा के अधिकार के प्रयोग का पर्याप्त आधार मुहैया कराती हैं।
इस पर जवाब देने के लिए भारत को 10 मिनट का समय दिया गया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव एनम गंभीर ने कहा कि यह उस बात का प्रतीक है जो हम सबको पीछे ले जाती है। गंभीर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी की भारत के बारे में मंगलवार को की गई बातें ‘नक्कारखाने में तूती’ के समान हैं, यानी वो ऐसी बेवजह ऐसी बातें कर रही हैं, जिसपर किसी का ध्यान न जाए। गौर करने वाली बात ये है कि एनम ने सिर्फ 45 सेकेंड के अंदर जबाब देकर पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी।
गंभीर ने कहा, ‘मेरा प्रतिनिधिमंडल इस सम्मानित सदन का बहुमूल्य समय इस तरह की बातों का जवाब देकर बर्बाद नहीं करना चाहता। आपको यहां बता दें कि महासभा में संयुक्त राष्ट्र के कार्यों की वार्षिक रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान मलीहा लोधी अपने विषय से भटक गईं और उन्होंने भारत द्वारा पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने की बात से इनकार किया और आरोप लगाया कि भारत इस अभियान को अंजाम देने के झूठे दावे करके युद्ध भड़काने और ज्यादा हमले करने की धमकी देने की कोशिश कर रहा है।
लोधी का बयान भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत की उस टिप्पणी की प्रतिक्रिया माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने 2016 में पाकिस्तानी सरजमीं पर आतकंवादियों के खिलाफ अंजाम दिए गए सर्जिकल स्ट्राइक के वर्षगांठ के मौके पर पिछले महीने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। रावत ने कहा था, स्ट्राइक संदेश से बढ़कर थी जो हम देना चाहते थे और जरूरत पड़ने पर इसे फिर से अंजाम दिया जा सकता है। पिछले महीने महासभा में उच्चस्तरीय बैठक के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था, लेकिन सभी 192 देशों ने इस मुद्दे की उपेक्षा कर दी थी।