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उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की कोशिश है कि सालाना डेढ़ करोड़ तक टर्न ओवर वाले सभी करदाताओं को तीन महीने पर विवरणी दाखिल करने की सुविधा मिले। अभी कम्पोजिट स्कीम में एक करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारियों को तीन महीने पर कर विवरणी दाखिल करने की सुविधा मिल रही है।
GST: सुशील मोदी बोले, डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वालों को मिलेगी छूट
GST: सुशील मोदी बोले, डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वालों को मिलेगी छूट
Posted by Samastipur Now on Thursday, November 2, 2017

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गुरुवार को आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान और बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में जीएसटी पर आयोजित परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि मंत्रियों के समूह ने जीएसटी में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए कई सुझाव दिए हैं। आगामी 10 नवम्बर को गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है। अगर समूह की ओर से दिए गए सुझाव काउंसिल में पारित हो गए तो आने वाले दिनों में करदाताओं व व्यापारियों की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। बताया कि डेढ़ करोड़ टर्न ओवर में एचएसएन कोड देने की जरूरत नहीं है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है। इससे करवंचना कम होगी। लेकिन, कुछ लोग कई कारणों से डरे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ कहा है कि पिछला बही-खाता नहीं खुलेगा। व्यापारियों को सरकार का अवैतनिक कर्मचारी बताते हुए कहा कि आप केंद्र व राज्य सरकार के खजाने को भर रहे हैं। इसलिए अधिक से अधिक कर संग्रह करें। विकास के लिए पैसा चाहिए। पैसा होने पर ही अच्छी सड़क, पानी, बिजली व अन्य आधारभूत सुविधाएं बेहतर हो सकती हैं। विकास कार्यों से ही सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकती है।
एक दिन में 13 लाख रिटर्न : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी दुनिया का सबसे बड़ा आईटी आधारित नेटवर्क है। यह भ्रम है कि अनेक वस्तुओं पर जीएसटी के तहत कर बढ़कर 18 व 28 फीसदी हो गया है। उत्पाद कर के कारण यह भ्रम हो रहा है जो वैट व्यवस्था के कारण दर्शाया नहीं जाता था। इसे दूर करने की जरूरत है। जीएसटी में प्रारम्भिक परेशानियां हो रही हैं। इसके नेटवर्क का संचालन इन्फोसिस जैसी बड़ी कंपनी कर रही है। अब तक 44 करोड़ इन्वॉयस अपलोड हुए हैं, जबकि इसकी क्षमता तीन सौ करोड़ इन्वॉयस की है। एक घंटे में एक लाख व एक दिन में 13 लाख तक रिटर्न अपलोड हो चुका है। कार्यालयों में जाने पर होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ही जीएसटी में आईटी आधारित व्यवस्था लागू की गई है और इसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं है।
व्यापारियों को यह भी राहत संभव
- कम्पोजिट स्कीम में फ्लैट टैक्स 0.5 फीसदी हो सकता है
- कम्पोजिट स्कीम के व्यापारी अंतरराज्यीय व्यापार कर सकेंगे
- मैनुफैक्चरिंग सेक्टर दो के बजाए एक ही कर में होगा शामिल
- रेस्टोरेंट में खाने पर लगने वाला टैक्स घटकर दो फीसदी होगा
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