कांग्रेस मैदान छोड़कर भागी, चुनाव में नहीं आ रहा मजा : पीएम मोदी
हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तोबड़तोड़ रैलियों के जरिये कांग्रेस पर फिर निशाना साधा। सबसे पहले ऊना फिर कांगड़ा जिले के पालमपुर और उसके बाद कुल्लू में चुनावी रैली के दौरान मोदी ने कहा कि हिमाचल में चुनाव का मजा नहीं आ रहा है मुकाबला एकतरफा हो गया है और कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग गई है।
कांग्रेस पर और हमलावर होते हुए पीएम ने कहा कि कांग्रेस व भ्रष्टाचार को कोई अलग नहीं कर सकता, इनकी जड़ें आपस में जुड़ी हैं और जो स्वयं भ्रष्टाचारी हैं, वह इसे समाप्त नहीं कर सकते। जीएसटी और नोटबंदी को कांग्रेस मुद्दे बना रही है, पर यह आम जनता के हित में लिए गए फैसले हैं। बकौल मोदी, जीएसटी पर सरकार हर वर्ग की हितैषी है। इसमें समय के साथ संशोधन को लेकर 9 व 10 नवंबर होने वाली बैठक में इसमें आवश्यक बदलाव होंगे और भविष्य में भी इसमें फेरबदल करने का रास्ता खुला रहेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नीतियों के बहाने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए मोदी ने ऊना में कहा कि मिस्टर क्लीन के नाम से एक नेता का बयान था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो आम आदमी तक पहुंचते 15 पैसे रह जाता है। कहा, पूर्व प्रधानमंत्री ने मर्ज तो बताया लेकिन इसका इलाज कभी नहीं किया। तीस साल पुरानी इस बात को कांग्रेस ने कभी नहीं समझा, पर भाजपा सरकार ने सत्ता में आकर भ्रष्टाचार पर प्रहार किया। हिमाचल के चुनाव कांग्रेस-भाजपा अथवा उम्मीदवार नहीं लड़ रहे, बल्कि यह जनता के चुनाव हैं, इसलिए ऐसी सरकार चुनें जो विकास दे सके। कांग्रेस के सारे नेता जमानती हैं। हिमाचल देवभूमि है, यहां दानववृति वालों के लिए जगह नहीं होनी चाहिए।
कांग्रेस एक्सपोज हो चुकी है
वहीं ऊना में मोदी ने कहा कि हजारों करोड़ों रुपये की सब्सिडी व अन्य राशि डकारने वाले बिचौलियों पर नकेल कसी गई है। इसी वजह से भ्रष्टाचार के खिलाफ जनमानस का गुस्सा फूट पड़ा है, लेकिन हालत यह हो गई है कि कांग्रेस एक्सपोज होने पर मैदान छोड़कर भाग गई है। यह पहला चुनाव देख रहे हैं जिसमें एकतरफा फैसला हो चुका है। केंद्र ने साबित किया है कि काम करने वाली सरकार आती है तो आम आदमी की ¨जदगी में बदलाव कैसे आता है।
इंदिरा फैसला लेतीं तो अब नौबत न आती
मोदी ने कहा कि यह नोटबंदी की नौबत पहली बार नहीं आई। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय भी महज सौ-सौ के नोट थे और इन्हें बंद करने का प्रस्ताव आया, लेकिन तब प्रधानमंत्री ने ऐसा होने नहीं दिया। यदि उस समय यह हो जाता तो आज हमें नोटबंदी करने की जरूरत न पड़ती। नोटबंदी के बाद तीन लाख जाली कंपनियों पर ताले लगे हैं और पांच हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार पाया गया। कांग्रेस का एक ही कार्य रहा, अटकाना, लटकाना व भटकाना, जिससे देश का विकास रुका रहा।