समस्तीपुर। रेलवे में खुलेआम आरक्षण में लेनदेन का खेल चल रहा है। जनरल सीट 50 से 100 रुपये में बेची जा रही है। रिजर्व बोगी में भी टीटीई रुपये लेकर यात्री को सीट मुहैया करा देते हैं। ट्रेन की यात्रा पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई है। सामान्य आरक्षित श्रेणी में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो लोग तत्काल की तरफ भाग रहे हैं। यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। कई रातें जागने और लाइन में लगने के बाद भी हाथ में वेटिंग टिकट ही आ रहा है।
आलम यह है कि काउंटरों पर बुकिंग शुरू होने के बाद कंप्यूटर पर यात्रियों का नाम दर्ज करते ही सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। यात्री परेशान हैं, कोई समाधान नहीं निकल रहा। स्थितियों पर नजर डालें तो रेलवे का तत्काल सिस्टम ही परेशानी बढ़ाने वाली है। दलालों की बढ़ती सेंधमारी को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने 21 नवंबर 2012 को ही टिकट लेने का समय 48 से घटाकर 24 घंटे कर दिया। इसके बाद भी दलालों की सक्रियता घटी नहीं।
तू डाल-डाल मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ करते हुए वे इसकी भी काट निकाल चुके हैं। स्थिति यह है कि 10 बजे बुकिंग शुरू होते ही टिकट भी बुक हो जाते हैं। लाइन में लगे पहले और दूसरे लोगों को भी टिकट नहीं मिल पाता। स्लीपर के 4 से 5 यात्रियों को तो टिकट मिल भी जाता है, लेकिन एसी के यात्रियों को वह भी नहीं मिल पाती।