दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों के लिए एक अच्छी खबर हैं। पर्यावरण संस्था (ENVIRONMENT POLLUTION (PREVENTION & CONTROL) AUTHORITY) ने दिल्ली मेट्रो को कम से कम दस दिनों के लिए कम व्यस्त घंटों के दौरान किराये कम करने, और एक्सट्रा बोगियां लगाने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर भी ईपीसीए ने चिंता जाताई है। ईपीसीए ने कहा कि सरकार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने पर निर्माण कार्य पर रोक लगानी चाहिए साथ ही सम-विषम जैसे कदमों को दोबारा उठाना चाहिए।
ईपीसीए ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में धूल से होने वाले प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने वाली सड़क निर्माण एजेंसियों पर भी 50,000 रुपये का जुमार्ना लगाया जाए। संस्था ने दिल्ली-एनसीआर में पार्किंग शुल्क चार गुना करने की भी सिफारिश की है। अन्य उपायों में पूरे क्षेत्र में ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर्स को बंद करना शामिल है।
मंगलवार सुबह दिल्ली वालों ने प्रदूषण के एक ने कोहरे के बीच आंखें खोली और प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई दर्जे अधिक दर्ज किया गया।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ए सुधाकर ने ईपीसीए को बताया कि निकटवर्ती पंजाब और हरियाणा से धुएं भरी हवाओं और पूर्वी क्षेत्र से नमी से लदी हवाओं के साथ स्थानीय प्रदूषण से हालात और बिगड़ जाते हैं।
सुधाकर ने कहा, हम अगले दो तीन दिन में ही किसी नाटकीय बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहे। हल्की धुंध प्रदूषण के कणों को हवा में ऊपर जाने नहीं दे रही।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को 10 नवंबर तक धान की पराली के जलने में कमी आने की उम्मीद है, लेकिन इसके 15 नवंबर तक कम होने की उम्मीद नहीं है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता के गिरते स्तर के मद्देनजर सीआईएसएफ ने आईजीआई हवाईअडडे, दिल्ली मेट्रो और अन्य सरकारी मंत्रालयों पर तैनात अपने कर्मियों को चेहरे ढकने के लिए 9000 से अधिक मास्क मुहैया कराने आदेश जारी किया है।
वहीं दिल्ली में कुछ दिनों के लिए स्कूल भी बंद किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया से प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण कुछ दिनों के लिए स्कूल बंद करने के लिए कहा है। जहरीले स्मॉग के चलते यहां के निवासियों में आंखों में जलन और सिरदर्द की शिकायत देखने को मिल रही है। धुंध की वजह से उड़ाने भी प्रभावित हुईं है।