नई दिल्ली। मेट्रो के किराए में प्रस्तावित वृद्धि का विरोध कर रहे आप नेताओं के क्रम को जारी रखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) बोर्ड में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस मामले पर एक आपात बैठक बुलाएं। आप सरकार ने डीएमआरसी द्वारा एक साल में दूसरी बार किराया बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। नई किराया वृद्धि 10 अक्टूबर से प्रभावी होगी। इसके पहले मई में किराया बढ़ाया गया था।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों को इस तरह की बैठक के लिए तत्काल नोटिस देने का निर्देश दिया है।
इससे पहले दिन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव एम.एम. कुट्टी, और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक मे केजरीवाल ने कुट्टी को डीएमआरसी बोर्ड की बैठक के लिए नोटिस के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया था।
बयान में कहा गया है, “दिल्ली सरकार ने देखा है कि मई में दिल्ली मेट्रो का बढ़ा किराया यात्रियों पर बोझ को बढ़ा रहा है और अगर दूसरी बार किराया बढ़ता है तो यह यात्रियों पर प्रतिकूल असर डालेगा और मेट्रो से सवारी करने वाले यात्री कम हो जाएंगे और इसके कारण लोग परिवहन के दूसरे माध्यमों से चलने को मजबूर हो जाएंगे।”
इस साल मई में न्यूनतम किराया आठ रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये और अधिकतम 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया था।
पिछले गुरुवार को केजरीवाल ने गहलोत से एक सप्ताह के भीतर जन विरोधी किराया वृद्धि को रोकने के लिए रास्ता निकालने को कहा था।
गहलोत ने डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह से मुलाकात की थी और तब तक प्रस्तावित वृद्धि को रोकने के लिए कहा था, जब तक दिल्ली सरकार इस मामले की जांच पूरी न कर ले।
आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर डीएमआरसी मेट्रो के किराए में वृद्धि को नहीं रोकती है तो पार्टी इसके खिलाफ एक अभियान शुरू करेगी।
डीएमआरसी ने किराया वृद्धि पर अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इसके निवेश की लागत साल भर में बढ़ गई है और अन्य शहरों की तुलना में मेट्रो रेल का किराया नहीं बढ़ा है।
केजरीवाल ने शनिवार को केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी से आग्रह किया कि वह डीएमआरसी को किराया वृद्धि को रोकने का निर्देश दें और इसके बाद रविवार को केजरीवाल ने डीएमआरसी खातों का स्वतंत्र ऑडिट कराने की मांग की।