महमूद ग़ज़नवी का शानदार इन्साफ….एक बार ज़रूर पढ़ें
एक बार सुल्तान महमूद गजनवी से एक बुढ़िया ने कहा कि हुज़ूर आपका नालायक भतीजा रात को मेरे घर मे घुस जाता है मेरे घर मे जवान बेटी है, अब इसके आगे मै कुछ नही कह सकती।
सुल्तान ने कहा कि अब वो तेरे घर आए तो तु मुझे फौरन बुलाना ताकि मै इंसाफ करू..सुल्तान ने बुढ़िया को एक कोड वर्ड दिया और कहा कि तु यह कहेगी तो महल मे तुझे मुझ तक पहुंचने मे कोई रूकावट नही आयगी । कुछ दिन बाद रात को बुढिया आयी और सुल्तान से कहा हुजूर आपका भतीजा मेरे घर है । सुल्तान ने फौरन अपनी तलवार ली और बुढिया के साथ उसके घर गए ।घर पहुँचकर बुढ़िया से कहा चिराग बुझा दो ।
बुढिया ने चिराग बुझा दिया, सुल्तान ने तलवार से उस शख्स की गर्दन उड़ा दी फिर बुढिया से कहा कि एक कटोरा पानी लाओ । बुढ़िया पानी लाई । सुल्तान ने पानी पिया फिर कहा चिराग जलाओ । जैसे ही चिराग जलाई सुल्तान ने लाश को देखकर कहा
“अलहमदुलिल्लाह”
बुढ़िया ने ये माजरा देखा तो हैरान होकर सुल्तान से पूछा-हुजूर ये अजीब बात है कि आपने पहले चिराग बुझवाया फिर पानी पिया, फिर अलहमदुलिल्लाह कहा..
सुल्तान ने कहा बुढ़िया इसे तो राज रहने दे, बुढ़िया जिद करने लगी तो बादशाह ने कहा सुन :-
1- मैने चिराग बुझाने को इसलिए कहा कि कही इंसाफ करते वक्त मेरे हाथ रूक ना जाए ।
2:- अलहमदुलिल्लाह इसलिए कहा कि ये शख्स मेरा भतीजा नही है ये बस हमारा नाम इस्तेमाल करता था।
3:-पानी इसलिए मांगा कि जब से मैने सुना कि मेरा भतीजा इस कदर गंदी हरकत और ज्यादती कर रहा है तो मैने तबसे पानी नही पिया, मैने सोचा कि मेरी नस्ल इतनी गंदी कैसे हो गई । जब तक इंसाफ नही करूंगा तब तक पानी का एक घूंट नही लूगा ।