वृक्षों और बाघों को बचाने के लिए एक प्रयास
वन एवं वन्य जीव प्रेमियों द्वारा बाघों को बचाने के लिए एवियन सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के फाउंडर मेंबर कौशलेंद्र सिंह ने एक कार्यक्रम का आयोजन माल एवेन्यू स्थित एक होटल में किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
वृक्षों का हो रहा है अवैध कटान
- कार्यक्रम में कौशलेंद्र सिंह के बताया कि पिछले 500 वर्षों से उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय पार्क एवं वन्य जीव विहारों में वृक्षों का अवैध कटान हो रहा है जो अत्यंत चिंता का विषय है।
- संरक्षित क्षेत्रों में यह स्थिति संभवता भारत ही नहीं पूरे विश्व में नहीं है।
- अधिकारियों द्वारा रात्रि गश्त लगभग शून्य हो गई है।
- नतीजन अवैध शिकार अंधाधुंध रूप से हो रहा है।
- इसमें अधिकतर हिरणों का शिकार हो रहा है।
- जिससे बाघों के प्राकृतिक आखेट में अत्यंत कमी आ गई है।
- फलस्वरुप बाघ वनों से बाहर गांव की तरफ निकल रहे हैं।
- यहां मनुष्य उसका शिकार बन रहे हैं।
- ऐसे बाघों-गुलदारों, कतो आदमखोर करके उन्हे पकड़कर चिड़ियाघर में कैद किया जा रहा है।
गलत किया जा रहा उपचार
- असली मर्ज को न पहचानकर गलत उपचार किया जा रहा है।
- ऐसी स्थिति चलती रही तो वन वीरान हो जाएंगे न तो हिरण बचेंगे और न ही शेर गुलदार।
- इस स्थिति को बदलने के लिए सही दिशा में काम करने के लिए अनेक पत्राचार प्रधानमंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री भारत सरकार के
- पर्यावरण एवं वनमंत्री, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) प्रदेश के राज्यपाल सहित संबंधित अधिकारियों के सभी स्तरों पर किया जाता रहा है।
- उनसे व्यक्तिगत संपर्क भी किया गया है।
- परिस्थिति पर कोई प्रभावी सुधार नहीं दिखाई दे रहा है।
- वन अधिकारी वनों में जीवों की सुरक्षा करने में असमर्थ हो कर जनता का ध्यान बचाने के लिए टाइगर सफारी के निर्माण के लिए प्रस्ताव रख रहे हैं।
- टाइगर सफारी और कुछ नहीं अपितु चिड़ियाघर का ही एक बड़ा रूप है।
- यहां भी वह बंदी का ही जीवन व्यतीत करेंगे।