जिला मुख्यालय स्थित डीआरडीए भवन में लगी आग के तार समाज कल्याण विभाग के घोटाले से तो नहीं जुड़े हैं! यह सवाल उठा रहे हैं चतरा के नेता और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग. झारखंड में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लाडला खान और समाजसेवी सूरज भूषण शर्मा व अन्य लोगों ने भवन में आग की सीबीआई जांच कराने की मांग कर दी है.
वहीं, चतरा के उपायुक्त संदीप सिंह और पुलिस कप्तान अंजनी कुमार झा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आग लगने की घटना की पूरी जांच करायी जायेगी. आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है. उपायुक्त ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया जायेगा. कहा कि यदि जांच में पता चलता है कि किसी ने जान-बूझकर आग लगायी है या आग लगाने की साजिश रची है, तो उसे बख्शा नहीं जायेगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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VIDEO : समाज कल्याण के घोटाले को दबाने के लिए डीआरडीए भवन में लगायी गयी आग! डीसी-एसपी बोले : होगी जांच
Posted by Samastipur Now on Friday, November 3, 2017
भाजपा नेता का कहना है कि आग बुधवार देर रात दो बजे लगी. इसमें कई विभागों के कागजात जलकर राख हो गये. श्री खान ने बताया कि इस भवन में कल्याण विभाग, पंचायतीराज और समाज कल्याण विभाग के कार्यालय चलते हैं. हालांकि, प्रथम दृष्ट्या आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, पर आग लगने की वजह घोटाले को दबाने की कोशिश हो सकती है.
श्री खान ने कहा कि समाज कल्याण विभाग में हुए घोटाले की जांच चल रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि जिस भवन में इतने महत्वपूर्ण कार्यालय हों, वहां सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था क्यों नहीं थी? उन्होंने कहा कि यदि समय रहते अग्निशमन विभाग को आग लगने की जानकारी मिल जाती, तो शायद सारे कागजात नहीं जलते.
बहरहाल, अग्निशमन विभाग के दो वाहनों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन उपरोक्त सभी कार्यालयों के तमाम कागजात जलकर राख हो गये हैं. महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा कार्यालयों में लगे कम्प्यूटर, फर्नीचर भी खाक में तब्दील हो गये हैं.
उधर, आग लगने के कारण हुए नुकसान के बारे में कोई जिम्मेवार पदाधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. यहां तक कि जरूरी फाईलों के बारे में भी कोई कुछ नहीं बता रहा. बताया जाता है कि आॅफिस में रखी आलमारियों को भी अभी तक नहीं खोला जा सका. एक आलमारी को खोला गया. इसमें रखी फाईलों की जो हालत है, उसे देखकर लगता है कि कार्यालय का कोई दस्तावेज सही-सलामत नहीं होगा.