मुजफ्फरनगर दंगा मामला : पूर्व केंद्रीय मंत्री और दो भाजपा विधायकों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी
मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान, भाजपा विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक के खिलाफ साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले (Muzaffarnagar Riot Case) में गैर-जमानती वारंट (Non-bailable warrant) जारी किये हैं. इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्य सरकार की इजाजत के बाद अदालत ने वारंट जारी किये हैं.
विशेष जांच समिति (Special investigation committee) के अधिकारियों के अनुसार अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मधु गुप्ता ने कल ताजा गैर जमानती वारंट (Non-bailable warrant) जारी करते हुए आरोपियों से 19 जनवरी 2018 को अदालत में पेश होने के लिए कहा. एसआईटी ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत कथित तौर पर घृणा भाषण देने के संबंध में मुकदमा चलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी और सरकार ने इसकी अनुमति दे दी.
आरोपियों पर आरोप है कि इन लोगों ने एक महापंचायत में हिस्सा लिया था और अगस्त 2013 के अंतिम सप्ताह में भाषण के जरिये हिंसा भड़काई. इसके अलावा आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है. मुजफ्फरनगर और इसके आसपास के इलाकों में साल 2013 के अगस्त और सितंबर महीने में सांप्रदायिक झड़प हुई थी. इस हिंसा में 60 लोगों की मौत हो गयी थी और 40,000 से ज्यादा विस्थापित हो गये थे.