समस्तीपुर : बेटियां घर का गहना है. उसे बराबरी का हक है. सरकार उसकी प्रतिभा को परवाज देने के लिए हर संभव कोशिश में है. लेकिन जिले में इन दिनों अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ गये हैं कि वह अपने ही घर के चाहरदिवारी के अंदर खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती. पहले हाट बाजार तक सिमटे रहने वाले ऐसे अपराधी घर की दहलीज तक दस्तक देने लग गये हैं.
जिससे समाज का वह हरेक वर्ग सहमा हुआ है जिनके घर बेटयां हैं. उनके दिन का चैन और रातों की नींद हराम है. यदि समाज जल्द जागृत नहीं हुआ तो बेटियों को बराबर का हक और उसकी उर्जा का उपयोग करने का सपना सफल होने से पहले ही दफन हो जायेगा. विगत एक महीने के अंदर जिले के विभिन्न हिस्सों में बेटियों के साथ जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं
उससे निपटना अकेले न तो पुलिस और न ही समाज के लिए संभव प्रतीत होता है. इसके लिए प्रशासन के साथ साथ समाज को भी आगे आने की जरुरत है. घटना दर घटना के बाद समाज अपने अंदर छुपे गुस्से को इजहार कर प्रशासन को कार्रवाई के लिए प्रेरित करता रहता है. वे कानून के दायरे में रह कर ऐसे अपराधियों पर सख्त लगाम लगाये जाने की दिशा में कड़ी पुलिसिया कार्रवाई की जरुरत महसूस कर रहे हैं.
घर की दहलीज तक धमक रहे अपराधी
ताबड़तोड़ हो रहीं घटनाओं से सहमे लोग
केस एक :- 15 अक्तूबर 2017
- ताजपुर के राजखंड गांव से रात के अंधेरे में हथियारबंद अपराधियों ने घर पर दस्तक दिया.
- हथियार का खौफ दिखाकर छात्रा को घर से अगवा कर ले गये.
- विरोध करने पर परिजनों की पिटाई की गयी.
- मशक्कत के बाद पुलिसिया दवाब पर अपराधी लड़की को समस्तीपुर लाकर छोड़ गये.
केस दो :- 29 अक्तूबर 2017
- पूसा थाना क्षेत्र के हरपुर गांव से अपराधियों ने विवाहिता का अपहरण कर लिया.
- महिला अपने घर पर थी.
- इसी दौरान अपराधियों ने सरेशाम घटना को अंजाम देकर पुलिस और समाज को चुनौती दे डाला.
केस तीन :- 5 नवंबर 2017
- कल्याणपुर के हसनपुर कीरत गांव से हथियारबंद अपराधियों ने पार्ट वन की छात्रा का दूसरी बार अपहरण कर लिया.
- इस मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली है.
- वैसे पुलिस पूर्व में उसे बरामद करने में सफलता हासिल की थी.
केस चार : 6 नवंबर 2017
- खानपुर थाना क्षेत्र के रजवाड़ा गांव में उस बेटी की हत्या कर दी गयी
- जिसने खुद के साथ छेड़खानी करने की शिकायत प्रशासन से करीब डेढ़ महीने पूर्व की थी.
- पुलिस मामले की जांच में अभी जुटी है.
चौकस रहे प्रशासन
- महिला हेल्पलाइन की संरक्षण पदाधिकारी ज्योति अर्चना का कहना है कि प्रशासन चौकस रहे.
- ऐसी सूचना मिले तो त्वरित और कड़ी कार्रवाई करें. इसके साथ ही समाज और पड़ोसियों की जिम्मेदारी अधिक बनती है.
- वे बेटियों को सुरक्षित करने में हौसला दिखाये.
- प्रशासन के पहुंचने से पहले ऐसे दस्तकवाज अपराधियों से मिलजुल कर निबटने की कोशिश करें.