26 अगस्त को बिहार आएंगे नरेंद्र मोदी, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का लेंगे जायजा
Samastipur Now : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सप्ताह बिहार आ रहे हैं. बिहार में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है. इसे लेकर भाजपाइयों में खुशी की लहर है. वहीं बिहार सरकार भी प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर काफी उत्साहित है. सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी घोषणा की यहां के लोगों को उम्मीद है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सप्ताह शनिवार 26 अगस्त को बिहार आ रहे हैं. वे बिहार में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का एरियल सर्वे करेंगे. सूत्रों की मानें तो उनके साथ हवाई सर्वे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहेंगे. हालांकि सीएम की ओर से इस संबंध में अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है और न ही जदयू की ओर से ही कोई बयान आया है.
PM coming on 26 th Aug for aerial survey of flood affected dists of Bihar.
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 22, 2017
बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार आने की जानकारी ट्वीट करके दी है. मालूम हो कि दो दिन पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रधानमंत्री से बिहार आने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों का वे खुद जायजा लें और बिहार के लोगों को मदद करें. प्रोग्राम कन्फर्म होने के बाद सुशील कुमार मोदी ने इसकी जानकारी दी.
गौरतलब है कि बाढ़ से बिहार के 18 जिलों की स्थिति दयनीय हो गयी है. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोग खाने से लेकर दवा तक के लिए मोहताज हो गये हैं. बाढ़ग्रस्त जिलों में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया शामिल हैं. खासकर अररिया और पूर्णिया की स्थिति तो सबसे बदतर हो गयी है. इतना ही नहीं बाढ़ से बिहार में अब तक 300 से अधिक लोगों के मरने की खबर है.
फिलहाल बाढ़ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ की 28 टीमों के 1152 जवान डटे हुए हैं. इसी तरह एसडीआरएफ की 16 टीमें 446 जवानों के साथ डटी हुई हैं. पर्याप्त संख्या में वोट भी मंगा लिये गये हैं. साथ ही सीएम नीतीश कुमार भी लगातार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. सामाजिक संगठन भी जुटे हुए हैं.