जब अपनों का निकला जब्त ट्रक तो प्रशासन से छोड़ने की पैरवी करने लगे गौ रक्षक

आरा : अभी शाहपुर में हुए मामले का पटाक्षेप भी नहीं हुआ था कि पुलिस को एक और परेशानी खड़ा करने वाली खबर मिली थी. कोइलवर थाना क्षेत्र के कोईलवर पुल के पश्चिमी मुहाने पर अचानक से कथित बजरंग दल के दर्जनों कार्यकर्ता पहुंच गये और देर रात करीब 9:30 बजे मवेशी लदे सात ट्रक को रोक दिया. जिसके बाद अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया.
प्रति ट्रक के हिसाब से 12 मवेशी उसमें थे. कुल मिलाकर मवेशियों की संख्या 100 से ज्यादा बताई जा रही थी. कथित गौ रक्षक एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कई तरह के सवाल को खड़ा करते हुए पुलिस को वहां बुलाया. तत्काल घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष पंकज सैनी खुद पहुंचे और सभी ट्रकों को अपने कब्जे में लिया और अधिकारियों को इसकी सूचना दी.
घटनास्थल पर बजरंग दल के कार्यकर्ता ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगा रहे थे इस घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मची रही. इधर घटना की सूचना मिलते ही एसडीओ सदर नवदीप शुक्ला, एसडीपीओ संजय कुमार के साथ कई वरीय अधिकारी भी पहुंचे और मामले की छानबीन करने में जुटे रहे.
उधर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि कथित कसाई इसे छपरा से पटना ले जा रहे थे. मगर मामला तब और पेचीदा हो गया जब ट्रक को जब्त कराने वाले लोगों में से कुछ लोग छोड़ने की पैरवी करने लगे क्योंकि उन्हें अंदेशा नहीं था कि यह ट्रक उनके अपनों का ही है. बाद में पता चला कि सारे के सारे ट्रक हिंदुओं के है.


हिंदुओं का निकला ट्रक तो पकड़ने वाले ही करने लगे पैरवी
मिली जानकारी के अनुसार जिन लोगों ने ट्रक पर लदे मवेशियों को लेकर आशंका जाहिर की थी उन लोगों को जब पता चलने लगा कि यह सभी ट्रक उनके जान-पहचान वालों का ही है तो उल्टे वह पैरवी करने लगे. जिसके बाद जांच का रुख ही दूसरे दिशा में बदल गया. हद तो तब हो गई जब पकड़ने वाले लोग ही ट्रक छोड़ने की पैरवी करने लगे.
हालांकि पुलिस इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही थी. पल-पल की रिपोर्ट पुलिस कप्तान अवकाश कुमार खुद लेते रहे और स्थानीय अधिकारी से लेकर वरीय अधिकारी को दिशा निर्देश देते रहे. इस पूरे ड्रामे के बाद अब सभी पशुओं को गौशाला में प्रशासनिक अधिकारियों ने भेज दिया है और जांच वृहद पैमाने पर शुरु कर दी है. समाचार संकलन तक मामले की जांच चल रही थी. इधर इस मामले में पुलिस से जब जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो स्थानीय थाना ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.
