रूस का ब्रिटेन पर निशाना, कहा- यूक्रेन को दी गई मदद नहीं भूलेंगे
रूस के हमलों से यूक्रेन में भारी ताबही मची हुई है. जान बचाने के लिए यूक्रेन से करीब 1 लाख 20 हजार लोग देश छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं. ऐसे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की यूक्रेन के लोगों को शरण देने की घोषणा काफी रहती भरी है.
अब ब्रिटेन ने यूक्रेन के नागरिकों के लिए मदद के हाथ बढ़ा दिए हैं. ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने घोषणा की है कि रूस के हमले के कारण देश छोड़कर भाग रहे यूक्रेन के नागरिक ब्रिटेन भी आ सकते हैं. हालांकि ब्रिटेन में अभी केवल उन्हीं नागरिकों को आने की अनुमति मिलेगी, जिनके परिवार का कोई सदस्य पहले से ब्रिटेन में रह रहा हो. जॉनसन ने कहा कि यूके जरूरत की घड़ी में यूक्रेन को पीठ नहीं दिखाएगा.
यूक्रेन के लोगों का हौसला बढ़ाया
जॉनसन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दुनिया यूक्रेन के लोगों की बहादुरी और वीरता को देखा, जो बलपूर्वक अपनी स्वतंत्रता को मिटाने वाले रूस को जवाब दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते संसद में यूक्रेन के लिए नई वीजा पॉलिसी घोषित की जाएगी.
मदद के लिए फिर जारी किया पैकेज
पीएम बोरिस जॉनसन ने बताया कि शरण लेने वालों के लिए बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति और दवाओं, सीरिंज, ड्रेसिंग जैसी अन्य चिकित्सा आपूर्ति के लिए 40 मिलियन पाउंड का पैकेज भी जारी किया गया है. पिछले हफ्ते, प्रधान मंत्री जॉनसन ने घोषणा की थी कि यूके बहुपक्षीय विकास बैंकों के माध्यम से यूक्रेन को 500 मिलियन डॉलर तक के ऋण की गारंटी देगा. साथ ही यूक्रेनी सेना को रक्षात्मक सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करना जारी रखेगा है ताकि रूसी सेना पर हमला करने के खिलाफ उनके प्रतिरोध को बढ़ाया जा सके.
- विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि यूक्रेन के ख़ारकीएव में फ़िलहाल कोई भी भारतीय नहीं बचा है और अब उनका उद्देश्य सुमी से लोगों को बाहर निकालना है.
- यूक्रेन के मारियुपोल और वोल्नोवाका शहर में रूस ने संघर्ष विराम की घोषणा की ताकि लोग सेफ़ कॉरिडोर से बाहर जा सकें.
- मारियुपोल के डिप्टी मेयर ने कहा- रूसी बमबारी के कारण लोगों को निकालने की प्रक्रिया को स्थगित किया गया.
- रूस ने बमबारी के आरोपो को किया ख़ारिज, कहा- यूक्रेनी ‘राष्ट्रवादी’ आम लोगों को शहर छोड़ने से रोक रहे हैं.
- रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोफ़ ने देश के नए ‘फ़ेक न्यूज़’ क़ानून का बचाव किया है.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने फ़्लाई ज़ोन न बनाने के फ़ैसले पर पश्चिमी देशों की आलोचना की. उनका कहना था कि हवाई हमलों से बचने के लिए उनके देश को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया जाए.
- रूस ने फ़ेसबुक पर प्रतिबंध लगाने के बाद ट्विटर और यूट्यूब पर भी लगाई रोक.
यूक्रेनी शहर मारियुपोल रणनीतिक तौर पर इतना अहम क्यों है?
यूक्रेनी शहर मारियुपोल पर लगातार हो रही रूसी बमबारी के बाद वहां से हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने की योजना को रद्द करना पड़ा है.
इससे पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अगर युद्धविराम लागू रहा तो वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकता है. लेकिन शहर पर अब भी रूसी सैनिक जोरदार बमबारी कर रहे हैं.
आखिर मारियुपोल रणनीतिक तौर पर इतना अहम क्यों है?
दरअसल यह ब्लैक सी पर यूक्रेन का सबसे बड़ा बंदरगाह है. यह क्राइमिया और रूस के रास्ते में पड़ने वाला प्रमुख शहर भी है. अगर रूस मारियुपोल पर कब्जा कर लेता है तो वह लुहान्स्क दोनेत्स्क को जोड़ने वाले रास्ते पर भी नियंत्रण स्थापित कर लेगा. लुहान्स्क, दोनेत्स्क पर फिलहाल रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा है.
मारियुपोल पर रूसी कब्जे के बाद यह क्राइमिया से भी जुड़ जाएगा. क्राइमिया को 2014 में रूस ने यूक्रेन से अलग कर दिया था.