समुद्र में ताकत: PAK से मीलों आगे है भारतीय नौसेना, लेकिन चीन है चुनौती
India को East में China और West में Pakistan के साथ सीमा सुरक्षा को लेकर खतरा है। अगर आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर बात करें तो आतंकवाद, माओवाद और नक्सलवाद जैसी समस्याओं से भी भारत को जूझना पड़ रहा है। इन चुनौतियों को देखते हुए ही भारत अपनी सैन्य और सामरिक क्षमता को लगातार मजबूती प्रदान करने में लगा हुआ है। समुद्र में दुश्मनों को चुनौती देने के लिए भारतीय नैसेना 31 जनवरी को मुंबई के मझगांव डॉक पर स्कॉर्पियन श्रेणी की नई पनडुब्बी आइएनएस ‘करंज’ को शामिल करने जा रही है। आईएनएस ‘करंज’ एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार की गई है। स्कॉर्पियन श्रेणी की दो पनडुब्बियों आईएनएस ‘कलवरी’ और आईएनएस ‘खांदेरी’ के बाद आईएनएस ‘करंज’ तीसरी पनडुब्बी होगी। आईएनएस ‘करंज’ के इंडियन नेवी में शामिल हो जाने के बाद भारत की समुद्री ताकत में और इजाफा होगा।
आईएनएस ‘करंज’ आधुनिक फीचर्स से लैस स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी है, जो दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है। इसके साथ ही यह टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है। यह पानी के अंदर भी हमला कर सकती है। साथ ही इसमें पानी के अंदर से सतह पर दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी है। यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है। पाकिस्तान और चीन की तरफ से समुद्र के अंदर मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 6 अत्याधुनिक पनडुब्बियों की मंजूरी दी थी। इस परियोजना के 6 पनडुब्बियों की सीरीज की यह तीसरी पनडुब्बी है। इससे पहले आईएनएस ‘कलवरी’ और आईएनएस ‘खांदेरी’ पहले ही नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुकी हैं। स्कॉर्पियन श्रेणी की इन सभी पनडुब्बियों को 2020 तक भारतीय नौसेना में शामिल करने की योजना है।
China और Pakistan के मुकाबले कहां ठहरती है Indian Navy, देखें
Indian Navy एक नजर में
- विश्व रैंकिंग:4
- कुल जहाजों की संख्या: 295
- विमान वाहक पोतों की संख्या: 3(1 सर्विस में है)
- कुल युद्ध पोतों की संख्या: 14
- डिस्ट्रॉयर्स की संख्या: 11
- लड़ाकू जलपोतों की संख्या: 23
- सबमरीन्स की संख्या:15
- निगरानी जहाजों की संख्या:139
- छोटे युद्धक जहजों की संख्या:6
- विश्व रैंकिंग:13
- कुल जहाजों की संख्या:197
- विमान वाहक पोतों की संख्या:0
- कुल युद्ध पोतों की संख्या:10
- डिस्ट्रॉयर्स की संख्या: 0
- लड़ाकू जलपोतों की संख्या: 0
- सबमरीन्स की संख्या:8
- निगरानी जहाजों की संख्या:17
- छोटे युद्धक जहजों की संख्या:3
- विश्व रैंकिंग:3
- कुल जहाजों की संख्या:714
- विमान वाहक पोतों की संख्या:1
- कुल युद्ध पोतों की संख्या:51
- डिस्ट्रॉयर्स की संख्या:35
- लड़ाकू जलपोतों की संख्या:35
- सबमरीन्स की संख्या:68
- निगरानी जहाजों की संख्या:220