पीएम मोदी का इशारा, जनता को लुभाने वाला नहीं होगा इस बार का बजट
Prime Minister Narendra Modi ने संकेत दिया है कि इस बार का बजट लोकलुभावन बजट नहीं होगा. इस बजट में भी सरकार सुधारों के अपने एजेंडे पर ही चलेगी. सरकार चाहती है कि भारत की अर्थव्यवस्था सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की लीग से बाहर निकलकर दुनिया के लिए सबसे आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में उभरे.
समाचार चैनल ‘टाइम्स नाऊ’ के साथ एक इंटरव्यू में पीएम ने कहा कि यह केवल एक धारणा है कि लोग मुफ्त की चीजें और छूट चाहते हैं.
यह पूछे जाने पर कि पहली फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में क्या वह लोकलुभावन घोषणा करने से बचेंगे. इस पर उन्होंने कहा, तय यह करना है कि देश को आगे बढ़ने और मजबूत होने की जरूरत है या इसे “इस राजनैतिक संस्कृति-कांग्रेस की संस्कृति का अनुसरण करना है.”
‘कोरी कल्पना है मुफ्त की चाहत’
मोदी ने कहा कि आम जनता ईमानदार सरकार चाहती है. उन्होंने कहा, “आम आदमी छूट या मुफ्त की चीज नहीं चाहता है. यह (मुफ्त की चीज की चाहत) आपकी कोरी कल्पना है.” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के फैसले जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हैं.
प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान अपनी सरकार की आर्थिक नीतियों का जोरदार बचाव किया. जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार माल एवं सेवा कर में संसोधन के सुझाव पर अमल के लिए तैयार है ताकि इसे अधिक कारगर प्रणाली बनाया जा सके और इसकी खामियां दूर हो.
दुनिया ने मानी भारत की ताकत
Switzerland के Davos में होने वाली World Economic Forum (WEF) की शिखर बैठक के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने का अवसर पाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री का सम्मान पाने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि यह भारत की प्रगति के कारण संभव हुआ है. उन्होंने कहा, “भारत ने दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया है इसलिए यह स्वाभाविक है कि दुनिया भी भारत के बारे में जानना चाहती है और वह यह जानकारी भारत से (भारत के शासनाध्यक्ष से) सीधे प्राप्त करना चाहती है और उसे समझना चाहती है.”
मोदी ने कहा कि स्वच्छ और स्पष्ट नीतियों के चलते Indian economy फल-फूल रही है और उद्यमी (निवेश का) जोखिम उठाने लगे हैं. भारत बड़े आर्थिक अवसरों का देश और वैश्विक निवेश का आकर्षक गंतव्य बन गया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले किए जा रहे अंतिम पूर्ण बजट को लोकलुभावन बजट बनाएगी तो उन्होंने कहा कि यह मामला वित्त मंत्री के दायरे में आता है और वह (मोदी) इस काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते. साथ ही उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखा है वो जानते हैं कि सामान्य जन इस तरह की चीजों (लोकलुभान) की अपेक्षा नहीं करता… यह एक मिथक (कोरी कल्पना) है.