इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के मुताबिक बच्चों की स्कूली शिक्षा पर किए गए खर्च पर करदाताओं को टैक्स में राहत का प्रावधान है. हालांकि टैक्स में राहत का यह प्रावधान इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी और 80ई के तहत दिया जाता है जहां बच्चों की वार्षिक ट्यूशन फीस को 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट की रकम में जोड़ा जा सकता है.
शिक्षा के नाम पर दी जा रही इस राहत के दायरे में महज Full time course आते है जहां फीस किसी मान्यता प्राप्त University, College, School या किसी अन्य educational institutions को दी गई है. इसके अलावा Pre Nursery, Play School और Nursery School के लिए दी गई फीस पर भी टैक्स में रियायत ली जा सकती है.
इस राहत के बावजूद School fee में Tuition fees के अलावा Hostel, Mess, Books and Stationery, School Dress, Transportation, Library Charge, Donation इत्यादि पर School cost Education पर वार्षिक खर्च का बड़ा हिस्सा हैं. Income Tax नियमों के मुताबिक Private or home tuition, coaching institute, part time course या पत्राचार शिक्षा के लिए टैक्स में छूट का प्रावधान नहीं है. ये सभी खर्च पूरी तरह से टैक्स दायरे में हैं.
वहीं देश के बाहर ली जा रही शिक्षा में दिए गए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स में राहत का प्रावधान नहीं है. खास बात है कि मौजूदा टैक्स नियम के तहत स्कूल फीस के नाम पर टैक्स में छूट सिर्फ बच्चे की फीस पर ली जा सकती है. यदि कोई कर दाता अपने पति अथवा पत्नी की शिक्षा के लिए फीस देता है या अन्य किसी आश्रित की फीस अदा करता है तो उसके लिए टैक्स से छूट का कोई प्रावधान मौजूद नहीं है.
आगामी बजट में केन्द्र सरकार स्कूली शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में अहम फैसले ले सकती है. इसमें स्कूल पर होने वाले कई अहम खर्च को भी टैक्स के दायरे में शामिल किया जा सकता है अथवा पूरी तरह से स्कूली शिक्षा पर खर्च को टैक्स से बाहर भी किया जा सकता है.