पटना। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ भारत में नोटबंदी के बाद दो सौ और पचास रुपये के नए नकली नोटों की बड़ी खेप बंगलादेश के रास्ते भेजने की फिराक में है। दो सौ और पचास के नकली नोटों की कई खेप छोटे-छोटे कंसाइनमेंट में भारत में आ चुकी है।
यह खुलासा नकली भारतीय नोट के तस्कर मोतिउर्र रहमान ने खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की पूछताछ में किया है। उसने डीआरआइ अधिकारियों के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मोतिउर्र ने बताया कि दरअसल, देश में नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दो सौ और पचास के नए नोट अभी पूरी तरह प्रचलन में नहीं आए हैं। आइएसआइ ने इसी को अपना हथियार बनाकर दो सौ और पचास के नए नोट भारत भेजने की साजिश रची है।
बता दें कि डीआरआइ की दिल्ली टीम ने विगत 7 जनवरी को दिल्ली से आ रही फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से मोतिउर्र रहमान को धर-दबोचा था। मोतिउर्र रहमान मूलरूप से मालदा के कलियाचक का रहने वाला है। वह पिछले कई महीनों से भारतीय खुफिया एजेंसी के निशाने पर था।
दिल्ली में नकली नोट की सप्लाई कर लौट रहा था मालदा
मोतिउर्र रहमान ने डीआरआइ की टीम के समक्ष स्वीकार किया कि वह दिल्ली में दो सौ व पचास के नकली नोटों की एक बड़ी खेप पहुंचाकर वापस मालदा लौट रहा था। इससे पहले विगत 4 जनवरी को डीआरआइ की टीम ने दिल्ली में मोतिउर्र रहमान के एक गुर्गे को करीब पौने तीन लाख के दो सौ व पचास के नकली भारतीय नोटों के साथ पकड़ा था। उसी गुर्गे की निशानदेही पर मोतिउर्र रहमान फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से पटना में दबोचा गया।
200 व 50 के नोट के अधिक प्रचलित न होने का फायदा उठा रहा है आइएसआइ
मोतिउर्र रहमान ने बताया है कि आइएसआइ दो सौ व पचास के नए नोट के प्रचलन में न होने का फायदा उठाने की योजना पर काम कर रही है। नकली भारतीय नोट की एक बड़ी खेप बंगलादेश में जमा की गई।