‘दारोगा ने ठंड में कपड़े उतरवाकर रात भर पीटा, फिर प्लास से नोंचे कान’

'The soldier dressed in the cold and beaten for the night, Then from the plaque to the ears' Samastipur Now
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कानपुर : पुलिस की क्रूरता का एक ताजा मामला सामने आया है। यहां पुलिस पर आरोप है कि उसने एक बेगुनाह युवक को अपराधी बताकर पूरी रात हाथ-पैर बांधकर पीटा और उसके कान को प्लास से नोंच-नोंचकर लहूलुहान कर दिया। इसके बाद युवक को जेल भेज दिया। जब कोर्ट ने युवक का मेडिकल देखा तो उन्होंने तुरंत दारोगा की पेश होने का आदेश दिया और जमकर फटकार लगाई। अब दारोगा पीड़ित पर समझौते का दबाव बना रहा है। मजदूरी से करता है गुजारा…

मामला, जिले के सजेती थाने का है। जहां क्षेत्र के भाद्वारा गांव का रहने वाले जाकिर हुसैन का बेटा शहंशाह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है।

‘मारते हुए ले गए चौकी’

शहंशाह ने बताया कि मेरा कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। दरअसल, 13 दिसंबर की शाम को मेरे पिता जाकिर किसी बात से नाराज होकर मुझे डांट रहे थे। तभी कुआखेड़ा चौकी इंचार्ज ब्रिजेश भार्गव वहां से गुजर रहे थे। इसके बाद वो अचानक मुझे मारते हुए चौकी ले गए।

‘पिता ने चौकी इंचार्ज के हाथ-पैर पकड़े’

शहंशाह ने कहा कि मेरे पिता चौकी इंचार्ज के हाथ-पैर पकड़कर कहते रहे कि मैं अपने बेटे को डांट रहा था, इसमें चौकी ले जाने वाली बात क्या है। लेकिन वो नहीं माने और मेरे साथ जनवरों जैसा सलूक करते गए।

‘हाथ-पैर बांधकर पूरी रात पीटा’

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शहंशाह ने बताया कि इस ठण्ड भरी रात में हाथ-पैर बांधकर चौकी इंचार्ज और दो सिपाही मुझे मारते रहे। मुझसे जबरन गौ तस्करी करने की हामी भरने के लिए दबाव बनाते रहे, लेकिन जब मैं और मेरा परिवार यह काम नहीं करता तो कैसे हामी भरता। इसके बाद पुलिसवालों ने मेरे कान को प्लास से कई बार नोंचा। इसके बाद मुझसे 10 हजार रुपये की डिमांड की।

‘कई लोगों से उधार लेकर पुलिसवालों को दिए पैसे’

शहंशाह ने बताया, हमारे लिए ये रकम बहुत बड़ी थी। मेरे पिता ने कई लोगों से उधारी लेकर उन्हें 10 हजार रुपए दिए, लेकिन इसके बावजूद भी चाकू लगाकर मुझे जेल भेज दिया।

‘समझौते का दबाव बनाया जा रहा’

पीड़ित ने बताया कि जेल भेजने से पहले पुलिस ने मेरा मेडिकल भी कराया था, लेकिन जब मैं सिविल जज जूनियर डिविजन घाटमपुर के समक्ष पेश हुआ था तो मुझे 15 दिसंबर को जमानत मिली। इसके बाद चौकी इंचार्ज ने कुछ दबंगों को घर भेज कर मुझ पर समझौते का दबाव बनाया। जिसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर की है।

‘चाकू लगाकर जेल भेज दिया’

शहंशाह के वकील राज कुमार शर्मा के मुताबिक, पुलिस ने शंहशाह को फर्जी तरीके से चाकू लगाकर जेल भेजा था, जबकि उसका कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस ने शहंशाह की गिरफ्तारी 13 दिसंबर की रात 10 बजे दिखाई है और इसके बाद अगले दिन उसे कोर्ट में पेश किया। शंहशाह के मेडिकल में 6 जगह चोटों के निशान थे जो बेहद गंभीर थे। हमने इसी आधार पर कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें टार्चर और जबरन जुर्म कुबूल करवाने का मुकदमा दर्ज कराया है। इसी प्रार्थना के आधार पर कोर्ट ने चौकी इंचार्ज को पेश होने के आदेश दिए थे, जिसमें दारोगा को जमकर फटकार लगाई गई।

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