नई दिल्ली : सनसनीखेज प्रद्युम्न हत्याकांड ने अचानक नया मोड़ ले लिया है. कथित तौर पर इस मामले में गिरफ्तार बस कंडक्टर प्रद्युम्न का वास्तविक हत्यारा नहीं है, बल्कि हत्या उसी स्कूल के एक नाबालिग छात्र ने किया. सबसे बड़ी बात है कि आरोपी छात्र ने प्रद्युम्न को कथित तौर पर सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वह चाहता था कि पूर्व निर्धारित पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) और परीक्षा टल जाए.
सीबीआई ने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ग्यारहवीं कक्षा के एक छात्र को पकड़ा है. मामले में आये हैरतंगेज मोड़ में लगभग 16 वर्ष के हाइस्कूल के एक छात्र को स्कूल के भीतर अपने जूनियर की हत्या के आरोप में सोमवार देर रात पकड़ा गया. आरोपी छात्र को 3 दिनों की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया है.
Class 11th student arrested in connection with murder of #RyanInternationalSchool 's #pradyuman has been sent to 3 day CBI remand by Gurugram Court
— ANI (@ANI) November 8, 2017
स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र सात वर्षीय प्रद्युम्न की आठ सितंबर को सुबह स्कूल में ही हत्या कर दी गई थी. उसका गला किसी धारदार हथियार से रेता गया था. सीबीआई को बस कंडक्टर अशोक कुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. बेहद निर्मम तरीके से की गई हत्या के मामले में गुरुग्राम पुलिस उसे ही आरोपी मान रही थी. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि हत्या में इस्तेमाल हुआ हथियार, एक चाकू, उस शौचालय के कमोड में मिला है जहां कथित तौर पर हत्या हुई थी. यह वही चाकू है जो गुरग्राम पुलिस ने बरामद किया था.
एजेंसी का मानना है कि ग्यारहवीं कक्षा का छात्र पढाई में कमजोर है और उसने कथित तौर पर प्रद्युम्न का गला इसलिए रेता था ताकि स्कूल में अवकाश घोषित हो जाए और पूर्व निर्धारित पीटीएम तथा परीक्षा टल जाए.
दयाल ने बताया कि नाबालिग छात्र को कल रात करीब साढे ग्यारह बजे किशोर न्याय कानून (जेजे अधिनियम) के प्रावधानों के तहत पकड़ा गया. उन्होंने कहा, आरोपी के अभिभावकों को पूरी तरह से सूचित रखा गया और जेजे अधिनियम के तहत सभी प्रावधानों का पालन किया गया. हमारे लिए वह मुख्य संदिग्ध है. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने सीसीटीवी फुटेज को देखा जिसमें लोग शौचालय के भीतर और बाहर आते-जाते नजर आ रहे हैं. उसी के आधार पर एजेंसी ने संदिग्धों की सूची में काट-छांट की. एजेंसी को यौन हमले का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है
सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और अपराध स्थल के विश्लेषण के आधार पर एजेंसी ने मामले के सभी संदिग्धों की जांच की. सीबीआई के विशेष अपराध दल ने सभी संदिग्धों के मोबाइल रिकॉर्ड जांचे. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि हालांकि ग्यारहवीं कक्षा के छात्र ने हत्या की योजना आठ सितंबर को ही बना ली थी लेकिन कानून की नजर में आए नाबालिग ने यह तय नहीं किया था वह किसको मारेगा.
सूत्रों के मुताबिक संयोग से प्रद्युम्न शौचालय में पहुंच गया और सीनियर छात्र की भयावह योजना का शिकार बन गया. हाइस्कूल के आरोपी छात्र के पिता ने टेलीविजन चैनल को बताया कि उनका बेटा निर्दोष है और वह पहले दिन से पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं.
आरोपी छात्र के पिता की भी पहचान उजागर नहीं की गई है. उन्होंने कहा, मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया. उसने प्रद्युम्न का शव देखने के बाद इस बारे में माली और शिक्षकों को सूचित किया. वह पूरे दिन स्कूल में ही रहा, परीक्षा में भी बैठा. मेरे बेटे के कपडों पर खून का एक भी धब्बा नहीं था. उन्होंने बताया कि यह चौथी बार था जब सोमवार को उन्हें बुलाया गया.
उन्होंने कहा, मैं वहां सुबह करीब ग्यारह बजे पहुंचा और देर रात दो बजे निकला, इसका सीसीटीवी फुटेज देखा जा सकता है. सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि जांच अभी भी जारी है. सीबीआई जिस निष्कर्ष पर पहुंची है वह गुरुग्राम पुलिस के लिए बड़ी ही शर्मिंदगी का कारण बनेगा क्योंकि उसने हत्या का दोष बस कंडक्टर अशोक कुमार पर लगाया था और कहा था कि वह चाकू के साथ शौचालय में इंतजार कर रहा था. पुलिस ने 14 एसआइटी दल बनाए थे.
बस कंडक्टर अशोक सोहना के घामदोज गांव का रहने वाला है. घटना के सात महीने पहले ही उसे स्कूल में नौकरी मिली थी. अशोक के गांववालों का कहना है कि उसे इस मामले में फंसाया गया है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने मीडिया से कहा , इस छात्र की गिरफ्तारी के साथ ही यह साबित हो गया कि पुलिस की जांच को लेकर हमारा संदेह सही था.