मोरवा : हलई ओपी के इंद्रवारा पंचायत का जितवारपुर गांव मामूली विवाद में रक्त रंजित हो गया. छोटी सी बात ने इस कदर तूल पकड़ा कि लोग देखते ही देखते मरने-मारने पर आमादा हो गये. सोमवार को बाबा केवल की धरती खून से लाल हो गयी. हथियार व लाठी-डंडे पर लगे खून के धब्बे बयां कर रहे हैं कि मामला किस कदर बेकाबू हो चुका था. जिसके हाथ जो आया उसी को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सामने वाले पर कहर बरपाने लगे. नतीजा आठ लोग अस्पताल के बेड पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
संजय सहनी व दिनेश सहनी के बीच मामूली सी बात को लेकर कहासुनी हो गयी. धीरे-धीरे विवाद इतना बढ़ गया कि संजय सहनी, सीता देवी, ऋण देवी, लालबाबू सहनी, परविंद सहनी, दिलीप सहनी, रिंकू देवी, अनुराग देवी पर लाठी डंडों से प्रहार होने लगा. इस मारपीट में रवि कुमार, रविन कुमार समेत कई अन्य लोगों के भी घायल हो गये. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि संजय सहनी जान बचाने के लिए पूर्व सरपंच लालबाबू सहनी के घर में छुपने का प्रयास किया, लेकिन उसे वहां भी बख्शा नहीं गया. उसकी इतनी पिटाई की गयी कि वह मरणासन्न हो गया. पल भर में गांव का माजरा बदल गया. चारों ओर चीख पुकार मच गयी. घटना की सूचना मिलते ही ओपी अध्यक्ष सदल बल घटना स्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. पुलिस वाहन से ही सबों को अस्पताल में भरती कराया. घटना के 24 घंटे बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. पुलिस मामले पर पैनी नजर रख रही है. गंभीर रूप से घायल संजय सहनी, सीता देवी और परविंद कुमार पीएमसीएच में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. घटनास्थल पर बिखरे लाठी डंडे, लोहे की खंती और रक्त रंजित कपड़े घटना के बारे में सब कुछ साफ-साफ बता रहा कि किस कदर यहां खूनी खेल खेला गया है.
क्या है घटना की वजह : घटना के मूल कारण को लेकर लोग फिलवक्त कुछ भी खुल कर बोलने को तैयार नहीं हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो करीब छह महीने पहले रविन ने धर्मेंद्र सहनी से अपनी मां के श्रद्ध में चार हजार रुपये कर्ज लिये थे. इसके साथ ही कुछ दिनों पूर्व धर्मेंद्र सहनी की पत्नी के साथ आसपास के लोगों का हुआ विवाद भी घटना की वजह हो सकती है. वैसे थानाध्यक्ष शिवजी पासवान का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज होने की पुलिस प्रतीक्षा कर रही है. हर पहलू पर पुलिस की नजर है.