नोटबंदी पर चुनावी रैली में बोले मोदी-पुतला फूंके जाने का डर नहीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी
पालमपुर : नोटबंदी का एक साल पूरा होने के मौके पर आठ नवंबर को कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के आह्वान की परवाह नहीं करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि पुतला फूंका जाना उन्हें भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने से नहीं डरा सकता. हिमाचल प्रदेश में चुनाव रैलियों में भाजपा के लिए तीन चौथाई बहुमत की मांग करते हुए उन्होंने यह बात कही. मोदी ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उस वक्त नोटबंदी का कदम नहीं उठाया, जब इसकी जरूरत थी और कहा कि यदि बरसों पहले उन्होंने (इंदिरा ने) यह काम किया होता, तो उन्हें (मोदी को) यह बड़ा काम करने की जरूरत नहीं पड़ती.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद तीन लाख से अधिक कंपनियां बंद हो गयी और 5,000 ऐसी कंपनियों की जांच में 4000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जबकि अन्य के खिलाफ जांच जारी है. उन्होंने कहा कि जरा कल्पना कीजिये कि तीन लाख कंपनियों के फर्जीवाड़े की राशि क्या होगी. इनमें से कुछ कंपनियों ने करोड़ों रुपयों के कालेधन का कारोबार किया होगा, लेकिन उनके कार्यालयों में सिर्फ दो कुर्सियां और एक मेज थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नोटबंदी को लेकर गुस्से में है क्योंकि यह अब तक इसके असर को महसूस कर रही है. उन्होंने इसे पार्टी द्वारा प्रदर्शन का आह्वान करने की वजह बतायी. मोदी ने कुल्लू में एक रैली में कहा, नोटबंदी के असर का सामना करनेवाले कुछ लोग अब तक शिकायत कर रहे हैं और आठ नवंबर को काला दिवस मनाने की योजना बना रहे हैं. मेरे पुतले फूंक कर कांग्रेस मुझे नहीं डरा सकती.
उन्होंने पालमपुर में एक अन्य रैली में कहा, आगामी हफ्ते में कांग्रेस शोक मनाने की योजना बना रही है. मुझे मेरे पुतले फूंके जाने का डर नहीं है. भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई नहीं रुकेगी. मोदी ने कहा कि नोटबंदी ने कांग्रेस के लोगों की नींद उड़ा दी और उन लोगों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के पास भारी मात्रा में नोट थे जो उनके फैसले के चलते प्रतिबंधित हो गये. गौरतलब है कि कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि वे देश भर में विरोध प्रदर्शन कर और पुतले फूंक कर आठ नवंबर को काला दिवस मनायेंगे.
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने नोटबंदी करने से इनकार कर दिया था, जबकि यशवंतराव चव्हाण नीत एक पैनल ने इसकी सिफारिश की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा ने राष्ट्र हित पर पार्टी के हित को तवज्जो दी. उन्होंने कहा, जब जरूरत थी तब यदि उन्होंने (इंदिरा ने) नोटबंदी कर दी होती, तो मुझे यह बड़ा काम नहीं करना पड़ता. कांग्रेस के लिए दल से बड़ा देश कभी नहीं रहा. उनके लिए उनकी पार्टी का हित पहले आता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते, वे एक पेड़ और इसकी जड़ों की तरह हैं. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना करने के बाद उसके सभी नेता जमानत पर रिहा हैं और वे लोग भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात कर रहे हैं. भ्रष्टाचार कांग्रेस पार्टी की एक मात्र पहचान है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस को डर है कि वह बेनामी संपत्ति पर रोक लगाने के लिए एक कानून लायेंगे और दूसरों के नाम पर संपत्ति खरीदनेवाले सभी लोगों पर मामला दर्ज होगा क्योंकि विपक्षी पार्टी सत्ता में रहते हुए ऐसा करने में नाकाम रही है. हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए अपनी पार्टी की ओर से सहयोग किये जाने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर्वतीय राज्य को पांच माफियाओं (खनन माफिया, वन माफिया, ड्रग माफिया, टेंडर माफिया और ट्रांसफर माफिया) से मुक्त कराने की जरूरत है.