‘लव जेहाद’ मामले में नया ट्विस्ट, प्रिया ने कहा : बिनोद ने ओमान से भगा दिया था, अब नहीं रहना चाहती उसके साथ

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रांची : ओमान में रहने वाले अनिवासी भारतीय बिनोद कुमार की पत्नी और दो बच्चों के अपहरण के मामले में उस वक्त ट्विस्ट आ गया, जब जमशेदपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. बिनोद की पत्नी प्रिया, जिसने धर्म बदलकर अपना नया नाम प्रिया आशिक या फातिमा रख लिया है, ने कहा है कि सादिक, जिसके साथ वह रह रही है, ने उसका अपहरण नहीं किया. वह बिनोद की प्रताड़ना से तंग आकर सादिक के पास आ गयी.

प्रिया ने कहा था कि बिनोद ने उसे ओमान से भगा दिया था. इसके बाद वह किसी तरह भारत पहुंची और सादिक ने उसे सहारा दिया. बिनोद की हरकतों से तंग आकर उसने तय कर लिया कि वह अब कभी उसके साथ नहीं रहेगी. इसलिए सादिक से निकाह कर लिया. उसके बच्चे अनामिका और आलोज भी सादिक के साथ खुश हैं.

प्रिया बताती है कि ओमान से भगाये जाने के बाद वह किसी तरह कोलकाता पहुंची. कोलकाता आने के बाद वह अपने पैतृक गांव बिहारशरीफ पहुंची. जब उसके पास जीने की कोई उम्मीद बाकी नहीं थी, तब सादिक ने उसे सहारा दिया. अपना धर्म बदलकर वह सादिक से निकाह कर चुकी है. प्रिया से फातिमा बनी प्रिया ने अपने वास्तविक पति पर ही आरोप लगाते हुए कहा है कि बिनोद ने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी है.

प्रिया उर्फ फातिमा के मुताबिक, आेमान से भगा देने के बाद आज से करीब सात साल पहले अक्तूबर, 2010 में बिनोद ने दोबारा ओमान आने के लिए टिकट भिजवाया. वह दिल्ली एयरपोर्ट तक गयी, लेकिन वहां से लौट आयी. लौटने के बाद वह सादिक के साथ रहने लगी. वह और बच्चे सादिक के साथ खुश हैं. बिनोद के पास लौटना नहीं चाहती. उधर, बिनोद भी हार मानने को तैयार नहीं हैं. वह लगातार झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को ट्वीट कर रहे हैं. सीएम को बता रहे हैं कि झारखंड पुलिस उनकी कोई मदद नहीं कर रही.

Sir Police koi action nahi li aaj woh admi pe mere 2 bacho ko kidnpar kar islam mein dharam parivartan kiya aur biwi pe bina divrce shadi ki

बिनोद और उनके मित्रों का कहना है कि प्रिया अब चाहे फातिमा बने या कुछ और, इस पर उसका अख्तियार है. यदि वह अपनी मर्जी से सादिक के साथ रहना चाहती है, तो वह रहे, लेकिन बिनोद के बच्चों को उनसे क्यों दूर किया जा रहा है. बिनोद ने सवाल किया है कि प्रिया ने तलाक दिये बगैर ही गैर-कानूनी तरीके से सादिक के साथ दूसरी शादी की है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि सादिक ने उसके दो बच्चों का भी उसकी मर्जी के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवा दिया. यह कानूनन अपराध है.

बिनोद की जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने आैर उसकी पत्नी-बच्चे को वापस दिलाने की चाहत रखने वाले उसके दोस्तों का कहना है कि पुलिस सादिक और प्रिया को गिरफ्तार करने में आनाकानी कर रही है. उनका कहना है कि आईपीसी की धारा 494 के तहत सादिक और प्रिया उर्फ फातिमा दोनों दोषी हैं. इन्हें सात साल तक की सजा होनी चाहिए, लेकिन जमशेदपुर की पुलिस मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद किसी स्थानीय व्यक्ति के दबाव में कार्रवार्इ करने से कतरा रही है.

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बिनोद के दोस्त के मुताबिक, आईपीसी की धारा 494 की व्याख्या करते हुए केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कानून की नजर में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब बराबर हैं. जस्टिस अशोक भूषण और एएम शफीक की खंडपीठ ने कहा था कि कानून का उल्लंघन करके दूसरी शादी करने वाले शख्स पर समान कार्रवाई होगी. जाति, धर्म और प्रथा के नाम पर कानून की अलग-अलग व्याख्या नहीं हो सकती.

यहां यह बताना जरूरी है कि पश्चिमी देशों में भी एक व्यक्ति के साथ शादी करने के बाद पति या पत्नी को तलाक दिये बगैर दूसरी शादी करना गैर-कानूनी है. बिनोद के दोस्तों का दावा है कि इस मामले में दो-दो कानूनों का सरासर उल्लंघन हुआ है. पहला, प्रिया ने अपने पहले पति बिनोद को तलाक दिये बगैर सादिक के साथ दूसरी शादी कर ली. दूसरा, उसने बिनोद के दो बच्चों का धर्म परिवर्तन करवा दिया. ये दोनों गंभीर अपराध हैं और पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही.

गौरतलब है कि गुरुवार (02 नवंबर, 2017) को जमशेदपुर के एसएसपी अनूप टी मैथ्यू और मानगो थाना प्रभारी एके महथा ने कहा था कि प्रिया ने अपना धर्म बदल लिया है और वह सादिक के साथ अपनी मर्जी से रह रही है. वह बिनोद के पास लौटना नहीं चाहती. इसके साथ ही, उन्होंने किसी भी प्रकार की कार्रवार्इ करने में असमर्थता जताते हुए कहा था कि बिनोद ने किसी भी थाना या कोर्ट में उनकी पत्नी और बच्चों के अपहरण का मामला दर्ज नहीं करवाया है. इसलिए पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती.

उधर, मुंबई में रहने वाले बिनोद के एक मित्र ने यह दावा किया है कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाने में दर्ज करायी गयी है. दिल्ली में यह एफआर्इआर प्रिया के पिता श्रवण कुमार की आेर से 30.10.2010 को करायी गयी है. इसमें उन्होंने लिखा है कि 27.10.2010 को वह अपनी बेटी प्रिया रानी को मस्कट के विमान में बैठाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पर आये थे. लेकिन, यहां से वह अपने दो बच्चों के साथ गायब हो गयी. काफी खोजने के बाद भी तीनों नहीं मिले.

एफआईआर में स्पष्ट लिखा है कि प्रिया रानी के पिता श्रवण कुमार ने अपनी बेटी और नाती-नातिन की काफी खोज की, लेकिन वे नहीं मिले. गांव में पता किया, तो उनके लौटने की कोई सूचना नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज करवायी. बिनोद के मित्र का दावा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद बिनोद ने दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पत्र लिखकर मदद मांगी थी.

बताया जाता है कि बिनोद को इस बात की जानकारी मिल गयी थी कि दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गायब होने के बाद प्रिया झारखंड के टाटानगर शहर में है. उन्होंने दिल्ली पुलिस को इसकी इत्तिला दी. बिनोद ने कहा था कि जमशेदपुर के किसी गैंगस्टर ने उनकी पत्नी और बच्चों का अपहरण कर लिया है. उनसे फिरौती मांगी गयी है. उनकी पत्नी पर अत्याचार हो रहे हैं. उन्हें बचाया जाये. दिल्ली और जमशेदपुर की पुलिस ने कथित तौर पर नाममात्र की जांच-पड़ताल की, लेकिन इस मामले में कभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई.

बताया जा रहा है कि दो दिन बाद बिनोद रविवार यानी 4 नवंबर, 2017 को ओमान से लौट रहे हैं. उनके लौटने के बाद यदि प्रिया और बिनोद का आमना-सामना होगा, तभी सच्चाई सामने आयेगी. अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपने कार्यकाल के दौरान तो बिनोद को उनकी पत्नी और बच्चों से नहीं मिलवा सकीं, क्या अब झारखंड सरकार के मुखिया रघुवर दास और उनकी पुलिस बिनोद की यह मंशा पूरी कर सकेंगे? क्या कभी प्रिया उर्फ फातिमा और बिनोद के बीच संबंधों की सच्चाई सामने आ पायेगी? दोषी लोगों को सजा मिलेगी?

क्या कहते हैं पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी अनूप टी मैथ्यू : मैं प्रिया और उसके बच्चों से मिल चुका हूं. प्रिया अपनी मर्जी से मानगो में रह रही है और बिनोद के पास लौटना नहीं चाहती. मामला फैमिली कोर्ट का है. हम बिनोद की कोई मदद नहीं कर सकते.

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