लेख नहीं बल्कि गौरी लंकेश का एक्टिविज्म हो सकता है हत्या की वजह: SIT प्रमुख

0 102
Above Post Campaign

बंगलुरू में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है. हत्याकांड की जांच कर रही SIT (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) ने उम्मीद जताई है कि गौरी लंकेश की हत्या के पीछे पत्रकार के तौर पर उनका लिखना नहीं, बल्कि सामाजिक तौर पर उनकी सक्रियता हो सकती है.

SIT चीफ बीके सिंह ने इस बात से इनकार किया कि गौरी लंकेश के लेख उनकी मौत का कारण बने. बीके सिंह का ये बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि गौरी लंकेश की हत्या के बाद हर तरफ ये चर्चा हुई कि एक विशेष विचार के खिलाफ लिखना उनकी मौत का कारण बना. एसआईटी की जांच भी अब इसी दिशा में आगे बढ़ रही है.

बीके सिंह ने कहा कि वो जांच में किसी और बड़ी सफलता की उम्मीद कर रहे हैं जिससे इस केस से जुड़ी कुछ और जानकारी हासिल हो सके. दरअसल, शनिवार को एक महीने से ज्यादा समय तक जांच पड़ताल करने और कई घंटों की सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद एसआईटी ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं. बीके सिंह ने स्केच जारी करते हुए कहा कि जानकारी के आधार पर हमने ये स्केच जारी किए हैं. हम लोगों से सहयोग चाहते हैं और इसीलिए संदिग्धों के इन स्केच को जारी कर रहे हैं.

Middle Post Banner 2
Middle Post Banner 1

स्केच जारी करते हुए बीके सिंह ने बताया था कि हमारे पास मामले का वीडियो भी है, जिसे जारी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मामले में हमने अभी तक 200 से 250 लोगों से पूछताछ की है. उन्होंने कहा कि दो संदिग्धों के स्केच में काफी समानता है. इनको दो अलग-अलग कलाकारों ने प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी के आधार पर बनाया है. उन्होंने कहा कि पहनावे के आधार पर यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता है कि संदिग्ध किस धर्म के हैं. गुमराह करने के लिए भी तिलक या कुंडल पहने जा सकते हैं. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और अपराधियों को जल्द जेल भेजा जाएगा.

बता दें कि 5 सितंबर को गौरी लंकेश की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हमलावरों ने राज राजेश्वरी इलाके में स्थित घर में लंकेश की हत्या की थी. पुलिस को गौरी लंकेश का शव खून से सना हुआ मिला था. साथ ही घटनास्थल से कारतूस के चार खोके मिले थे. गौरी साप्ताहिक मैग्जीन ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं. इसके साथ ही वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं. टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं.

Below Post Banner
After Tags Post Banner 1
After Tags Post Banner 2
After Related Post Banner 2
After Related Post Banner 1
After Related Post Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Close