बदलने वाली है PMCH की सूरत, अब इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि उनका लक्ष्य है कि इलाज के लिए कोई बाहर जाने को मजबूर नहीं हो. स्वास्थ्य क्षेत्र में द्वितीय चरण के सुधार इसी उद्देश्य से आरंभ किए गए हैं. वैकल्पिक तौर पर कोई चाहे तो अपने इलाज के लिए बाहर जा सकता है.
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही. इस मौके पर उन्होंने 866 करोड़ रुपये की लागत से स्वास्थ्य विभाग की 113 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया. मंगलवार को जिन 113 योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन हुआ उनमें 63 योजनाओं का उद्घाटन व 50 का शिलान्यास शामिल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में परिवर्तन का एहसास लोगों को है. वर्ष 2006 में जहां बिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रति माह 39 मरीज ही आते थे वहीं आज एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक महीने में औसत दस हजार, पांच सौ मरीज आ रहे हैं. लोग अब सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करने लगे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार काम होने से कई उपलब्धियां हासिल हुई हैं.
पीएमसीएच की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वहां नए सिरे से आधारभूत संरचना का निर्माण होगा तो तो जगह की कोई अतिरिक्त जरूरत नहीं पड़ेगी.
सीएम ने कहा कि कुछ वर्षो की कार्ययोजना बनाकर इस पर काम करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनियादी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे तो लोगों को खुशी होगी. हम वह दिन देखना चाहते हैं कि बिहार के लोग इस तरह के काम से संतुष्ट हों. हर मेडिकल कॉलेजों में सरकार नर्सिग कॉलेज भी खोल रही है.