तिरुवनंतपुरम। सोलर घोटाला मामले में केरल सरकार ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू करने का फैसला किया है। यह घोटाला कुल 70 लाख रुपयों का था।
सोलर स्कैम में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मामले की जांच विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपने की घोषणा की है।
उन्होंने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मीडिया को बताया कि मामले की जांच कर रही जस्टिस सिवाराजन कमेटी ने पाया है कि चांडी और उनके पूर्व स्टाफ मेंबर्स टेनी जॉपन, जिकुमॉन जैकब, गनमैन सलीम राज और दिल्ली के दोस्त कुरुविल्ला ने घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता नायर के अलावा बीजु राधाकृष्णन और उनकी कंपनी को ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी में मदद की थी।
सितंबर में न्यायमूर्ति (निवृत्त) जी. सिवराजन द्वारा प्रस्तुत सौर घोटाले आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर साप्ताहिक कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्य मंत्री पिनाराययी विजयन ने फैसला किया था।
क्या है सोलर घोटाला
आपको बता दें कि केरल में 2011 से टीम सोलर रिनियुवेबल एनर्जी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाई जा रही है जिसके मालिक सरिता नायर और उनके लिव इन पार्टनर बिजु राधाकृष्णन हैं। घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता एस नायर ने अपनी कंपनी के तहत राज्य में बड़े स्तर पर पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए मुख्यमंत्री ओमान चांडी को घूस के तौर पर एक करोड़ 90 लाख रुपये देने का आरोप लगाया था। यही नहीं सरिता ने राज्य के उर्जा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अर्याधन मोहम्मद को भी 40 लाख रूपये घूस देने का आरोप लगाया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री चांडी ने इस बात से साफ इनकार किया था।
सरिता और उसके पार्टनर दोनों पर सोलर पावर प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रूपयों की ठगी आरोप है। इतना ही नहीं, सरिता नायर और राधाकृष्णन राज्य में बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट को संभालना चाहते थे और इसके लिए वो सरकार से कुछ रियायत भी चाहते थे। नायर ने ये भी आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री चांडी के निजी सहायक जिक्कुमोन जैकब उनके संपर्क में थे और उन्होंने मुख्यमंत्री की तरफ से 7 करोड़ रूपये घूस देने की मांग की थी। नायर के मुताबिक उसने 27 दिसंबर 2012 को दिल्ली में सीएम चांडी के व्यक्ति थॉमस कुरूविल्ला को कार में एक करोड़ 10 लाख रूपये की पहली खेप दी।
नायर के मुताबिक मई 2013 में उसने 80 लाख रूपये घूस की दूसरी खेप के तौर पर जैकब नायर के तिरुवंतपुरम स्थित घऱ पर दी। सरिता नायर ने ये भी दावा किया कि अर्याधन मोहम्मद के निजी सहायक केशवन ने सरकारी मदद के एवज में उनसे दो करोड़ रूपये घूस की मांग की लेकिन उन्होंने 2013 में उसे दो बार उसके आधिकारिक निवास पर कुल 40 लाख रूपये घूस दिया।