कुछ दिनों और फिर पूरी हो जाएगी तीनों महिला पायलटों की ट्रेनिंग, उड़ाती दिखेंगी सुखोई फाइटर जेट
New Delhi: साल 2016 में भारतीय वायुसेना में 3 महिला पायलटों को सीधे कॉम्बैट टीम में शामिल करने के लिए तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने उन्हें फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर नई भूमिका दी थी। पिछले एक साल से इन तीनों महिला पायलटों की कड़ी ट्रेनिंग चल रही थी, जो अब अंतिम चरण में है और किसी भी दिन पूरी हो सकती है।
जल्द ही तीनों महिला पायलट अभी तक भारत में मौजूद सबसे तेज तर्रार और शक्तिशाली फाइटर जेट सुखोई में उड़ान भरती दिखेंगी। तीनों पॉयलट्स को सुखोई स्क्वाड्रन में शामिल करने का फैसला भी लगभग हो चुका है और इसी विमान के हिसाब सें इनको अंतिम ट्रेनिंग दी जा रही है।
IAF की इन महिला पायलटों का फाइटर जेट उड़ाने की ट्रेनिंग पश्चिम बंगाल के कलाइकुंडा बेस पर चल रही है। IAF सूत्रों के अनुसार, इनका प्रशिक्षण लास्ट स्टेज पर है और किसी भी दिन इनकी ट्रेनिंग कंप्लीट हो सकती है। आपको बता दें कि तीनों महिला पायलटों अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह की जून 2016 में फ्लाइंग आफिसर के तौर पर कमीशनिंग हुई थी। फाइटर जेट उड़ाने की खास ट्रेनिंग तीनों महिला पायलट अभी ब्रिटिश हॉक एडवांस जेट ट्रेनर पर ले रही हैं।
IAF के अन्य फ्लाइंग आफिसर्स के साथ ट्रेनिंग कर रहीं इन महिला पायलटों का ट्रेनिंग खत्म होने के बाद IAF के फ्लाइट स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुखोई-30 युद्धक विमान उड़ाने का मौका दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर के अंत तक इन्हें सुखोई की उड़ान के साथ आकाश में अपना कौशल दिखाने का यह मौका मिलेगा। गौरतलब है कि काफी लंबे विचार मंथन और बहस के बाद सरकार ने 2015 में वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में महिलाओं को शामिल नहीं करने की बंदिश हटायी थी। इसके बाद पहली बार इन तीनों को भारतीय वायुसेना के युद्धक बेड़े का हिस्सा बनने का मौका मिला है।
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