अभिनेता प्रकाशराज ने मोदी जी को लेकर दे डाला यह बयान….
अभिनेता प्रकाशराज ने मोदी जी को लेकर दे डाला यह बयान….
दक्षिण भारतीय फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित प्रकाश राज ने बीते महीने बेंगलुरु में हुई पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर कड़ी टिप्पणी की है.
गौरी लंकेश की हत्या के बाद कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर इसे जायज़ ठहराने पर प्रकाश राज नाखुश थे और उन्होंने प्रधानमंत्री की चुप्पी की निंदा की है. बीते पांच सितंबर को कर्नाटक में लोकप्रिय वरिष्ठ पत्रकार और संपादक गौरी लंकेश की बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ नाम की साप्ताहिक मैगजीन की संपादक थीं. कर्नाटक में संघ परिवार की सांप्रदायिक राजनीति के ख़िलाफ़ लेखन के चलते पिछले कुछ दिनों से वह कुछ लोगों के निशाने पर थीं. राज्य में कांग्रेस शासन है और अगले साल यहां चुनाव होने हैं.
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में रविवार को हुई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आॅफ इंडिया (डीवाईएफआई) की 11वीं राज्यस्तरीय सभा में उन्होंने कहा, ‘गौरी लंकेश के हत्यारे अब तक पकड़े नहीं गए हैं और शायद पकड़े भी नहीं जाएंगे लेकिन उससे भी ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये हैं कि लोग सोशल मीडिया पर इस हत्या का जश्न मनाकर घृणा फैला रहे थे.’ वे आगे कहते हैं, ‘हम सब जानते हैं कि वे कौन लोग हैं, उनकी विचारधारा क्या है. जो गौरी की हत्या का जश्न मना रहे थे उनमें से कुछ को प्रधानमंत्री ट्विटर पर फॉलो करते हैं. इस बात से मुझे डर लगता है कि हमारा देश किस ओर बढ़ रहा है.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने फॉलोवर्स की गतिविधियों को लेकर चुप है यह इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि वह मुझसे भी बड़े अभिनेता है. प्रकाश राज कहते हैं, ‘प्रधानमंत्री की चुप्पी से मुझे डर लगता है. क्या वह अपने फॉलोवरों द्वारा क्रूरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे है?’ उन्होंने सवाल उठाया कि इस तरह की क्रूरता पर प्रधानमंत्री अगर शांत रहे तो अपने पांचों राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार लौटाने में उन्हें कोई हिचक नहीं होगी. दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में प्रकाश राज एक जाने-पहचाने नाम है. उन्हें अब तक पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं.
हालांकि इस ख़बर के वायरल होने के बाद सोमवार को अभिनेता प्रकाश राज ने अवॉर्ड वापसी वाली बात का खंडन किया है. ट्विटर पर उन्होंने अपना एक वीडियो जारी किया है जिसमें वे कहते हैं, ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार लौटाने को लेकर समाचार चैनलों पर चल रही ख़बरों को लेकर मैं केवल हंस सकता हूं. मैं मूर्ख नहीं हूं कि ख़ुद को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दूं. यह मुझे मेरे काम की वजह से मिला है और मुझे इस पर गर्व है.’
हालांकि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा जश्न मनाए जाने पर उन्होंने निराशा ज़ाहिर की. उन्होंने कहा, ‘ऐसे कुछ लोगों को प्रधानमंत्री सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं. इसे लेकर प्रधानमंत्री न तो कोई पक्ष ले रहे हैं और न ही कोई टिप्पणी कर रहे हैं. इस देश का नागरिक होने के नाते मैं प्रधानमंत्री की चुप्पी से परेशान और निराश हूं.’ उन्होंने कहा कि वह किसी दल से ताल्लुक नहीं रखते लेकिन देश का नागरिक होने के नाते उनसे सवाल पूछ सकते हैं.
1997 में मणिरत्नम की फिल्म ईरुवर के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. 1999 में ही तेलुगू फिल्म अंत:पुरम के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का स्पेशल जूरी अवॉर्ड मिला. 2003 में अलग-अलग फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करने के लिए उन्हें स्पेशल जूरी अवॉर्ड मिला. इसके बाद साल 2007 में प्रियदर्शन की तमिल फिल्म कांचीवरम के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. 2010 में बतौर निर्माता कन्नड़ भाषा की उनकी फिल्म पुट्टाक्कना हाईवे को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला.