हनीप्रीत की बेल पिटीशन पर HC ने फैसला सुरक्षित रखा, 32 दिन से है फरार

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हनीप्रीत की तलाश में पंचकूला पुलिस ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में छापा मारा, लेकिन वह वहां नहीं मिली।

पानीपत/नई दिल्ली. साध्वियों से रेप के मामले में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम की करीबी हनीप्रीत की ट्रांजिट इंटरिम बेल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। 25 अगस्त को राम रहीम को सजा सुनाई गई थी। वह तभी से फरार है। हनीप्रीत ने अपनी पिटीशन में कहा है कि हरियाणा में उसकी जान को खतरा है। इससे पहले हनीप्रीत के वकील ने दावा कि था कि सोमवार को हनीप्रीत दिल्ली में ही थी। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट कहे तो वे उसे दो घंटे में पेश कर सकते हैं। इसके बाद पुलिस ने हनीप्रीत की तलाश में दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में डेरा की प्रॉपर्टी पर छापा मारा, लेकिन वो नहीं मिली।

यह पिटीशन हमारे अधिकार क्षेत्र में कैसे…

– सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से पूछा कि क्या इस पिटीशन पर सुनवाई उसके अधिकार क्षेत्र में आती है?
– पिटीशन में हनीप्रीत ने कहा है कि हरियाणा में उसकी जान को खतरा है। वहां नशे के कारोबारियों से उसे धमकी मिल रही है।
– सुनवाई के दौरान हनीप्रीत के वकील ने यह भी कहा हनीप्रीत का घर दिल्ली में ही है। उसको गिरफ्तारी का खतरा है। अगर कोर्ट इजाजत दे तो वे उसे 2 घंटे में पेश कर सकते हैं।

CCTV में दिखी काले बुर्के वाली महिला

– दिल्ली पुलिस ने अफसर रोमिल बानिया ने कहा, “26 सितंबर को ए-9 जीके एन्क्लेव पर रेड किया गया। ये डेरे की प्रॉपर्टी है। हनीप्रीत के यहां होने का शक था। लेकिन वो यहां नहीं मिली।”
– रोमिल से सवाल पूछा गया कि मीडिया में एक सीसीटीवी फुटेज चल रही है, जिसमें एक बुर्के वाली महिला दिखाई दी है, क्या ये हनीप्रीत है?
– पुलिस अफसर ने जवाब दिया, “सीसीटीवी के बारे में पुलिस को अभी जानकारी नहीं है। हां, हनीप्रीत के जीके एनक्लेव में होने का शक जरूर था।”
– पुलिस ने बताया कि हनीप्रीत की बेल एप्लिकेशन में ग्रेटर कैलाश के ए-9 ठिकाने का जिक्र था। इसलिए उसने वारंट की तामील के लिए छापा मारा था।

दिल्ली के ठिकाने पर अक्सर आता था राम रहीम

– दिल्ली पुलिस ने कहा, “ग्रेटर कैलाश में जिस ठिकाने पर रेड मारी गई, वो डेरा सच्चा सौदा की प्रॉपर्टी है। यहां के केयर टेकर राजीव मल्होत्रा हैं। उनसे भी पूछताछ की गई है, लेकिन उन्होंने हनीप्रीत के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। इस ठिकाने पर राम रहीम अक्सर आया करता था।”

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वकील का दावा- लाजपत नगर ऑफिस आई थी हनीप्रीत

– हनीप्रीत के वकील प्रदीप कुमार आर्या मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए। उन्होंने ट्रांजिट इंटरिम बेल पिटीशन लगा दी है। इस पर दोपहर बाद सुनवाई होगी।
– वकील का दावा है कि हनीप्रीत सोमवार को उसके लाजपत नगर स्थित ऑफिस में आई थी। यहां उसने अपनी ट्रांजिट इंटरिम बेल पिटीशन पर दस्तखत भी किए।
– उनका कहना है कि हनीप्रीत ट्रांजिट इंटरिम बेल पिटीशन के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में इंटरिम बेल के लिए पिटीशन दायर करेगी।
पंचकूला कोर्ट ने हनीप्रीत की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया
– पंचकूला की एक कोर्ट ने हनीप्रीत की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। उसकी तलाश में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई जगह छापे मारे गए, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। नेपाल बॉर्डर पर भी तलाश की गई। ऐसी रिपोर्ट्स भी आईं कि हनीप्रीत नेपाल भाग गई है।

क्या है ट्रांजिट इंटरिम बेल?

– ट्रांजिट इंटरिम बेल पिटीशन कुछ वक्त के लिए गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी दूसरे जिले व राज्य की अदालत में लगाई जाती है।
– इस दौरान पिटीशन को संबंधित अदालत में परमानेंट बेल के लिए अलग से पिटीशन लगानी होती है।

25 अगस्त को फरार हो गई थी हनीप्रीत

– गुरमीत राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिए जाने के बाद हनीप्रीत बाबा के साथ पुलिस के हेलिकॉप्टर से रोहतक की सुनारियां जेल पहुंची थी।
– उसने बाबा के साथ अंदर जाने की जिद की थी, लेकिन पुलिस ने उसे वहां से बाहर भेज दिया था। इसके बाद से हनीप्रीत गायब है। अभी तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है।
– वहीं डेरे की चेयरपर्सन विपासना इंसां का कहना है कि हनीप्रीत 25 अगस्त की रात को उसके साथ डेरा सच्चा सौदा सिरसा आई थी। इसके बाद अगले दिन वह वहां से निकल गई। इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं है।

राम रहीम ने कहा- अफवाहों पर दे दी सजा

– गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट की ओर से सुनाई गई 20 साल की सजा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उसने पिटीशन में सजा सुनाने के फैसले को खारिज करने की मांग की है।
– पिटीशन में कहा कि सीबीआई की अदालत ने सभी सबूतों को कंसीडर नहीं किया। अफवाहों के आधार पर ही सजा सुना दी गई। बाबा का मेडिकल तक नहीं कराया। यह जानना भी जरूरी नहीं समझा कि वह रेप कर भी सकता है या नहीं। यही नहीं, दो अलग डेरों में अलग-अलग समय पर हुए रेप के मामलों को एक साथ कर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया।
– पिटीशन में कहा गया है कि विक्टिम एक साल तक कुछ नहीं बोली। ऐसे में, आरोप साबित करने में खामियों के बावजूद जज ने प्रिजुडिस के आधार पर ही सजा सुना दी।
– बता दें कि अभी केस हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ब्रांच में है। अगर केस पर आॅब्जेक्शन दाखिल नहीं हुआ तो बुधवार को इस पर सुनवाई होगी।

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