जेल से छुटने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा राम रहीम- खुद को बताया नपुंसक
साध्वी रेप केस में पंचकूला हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दुष्कर्मी राम रहीम ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
नई दिल्ली। साध्वी रेप केस में पंचकूला हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दुष्कर्मी राम रहीम ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राम रहीम की ओर से वकील ने कोर्ट में याचिक दायर कर फैसले को चुनौती दी है। 28 अगस्त को सजा सुनाए जाने के बाद से राम रहीम रोहतक की सुनरिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है।
शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम नहीं
राम रहीम की याचिका में कहा गया है कि 50 वर्षीय डेरा प्रमुख राम रहीम को गलत मामलों में फंसाया गया है। राम रहीम किसी से भी शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम नहीं हैं। उनपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।
20 साल की सजा काट रहा है राम रहीम
बता दें कि 15 साल पुराने साध्वी रेप मामले में 28 अगस्त को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी। राम रहीम को जेल जाने के बाद पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई थी। इस हिंसा में 38 से ज्यादा लोग मारे गए थे जबकि करीब 300 लोग जख्मी हो गए थे।
डेरा में दफन हैं नरकंकाल
वहीं पिछले दिनों बलात्कार केस में सजा काट रहे राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा को लेकर एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। डेरा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. पीआर नैन ने एसआईटी को बताया कि डेरे की जमीन और खेत में करीब 600 लोगों की हड्डियां और कंकाल दफन है। एसआईटी इंचार्ज डीएसपी कुलदीप बेलीवाल से नैन से करीब 50 साल पूछे थे, जिसके बाद बाद उसने यह राज खोला। नैन ने इससे जुड़े दस्तावेज भी एसआईटी को सौंप दिए हैं
मोक्ष पाने के लिए दफन होता था नरकंकाल
पीआर नैन ने पुलिस को बताया कि डेरा के अनुयायी चाहते हैं कि उनकी मौत के बाद अस्थियां गंगा या संगम में प्रवाहित करने की बजाए डेरे में दफन कर दिया जाए। उनका मानना है कि डेरे की जमीन पर पूज्य पिता जी के चरण पड़ते हैं, इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।