यूपी की सड़कों को गड्ढामुक्त करने में करोड़ों का घपला, 73 अधिकारीयों पर गिरेगी गाज
उत्तर प्रदेश में गड्ढामुक्त सड़कों की जांच में बड़ा घोटाला और अनियमितता सामने आई है. शासन की तरफ से गठित टीम ने जो रिपोर्ट दी है उसमें 10 जनपदों की 25 सड़कें बनते ही टूट गई. इतना ही नहीं विभाग ने सड़कों को गढ्ढामुक्त करने के लिए जो करोड़ों रुपये दिए थे वह भी पानी में बह गया.
जांच रिपोर्ट में पीडब्लूडी के 73 अधिकारियों के खिलाफ अनियमितता की बात शासन को भेज दी है. अब विभाग इन अधिकारियों पर कार्यवाही की तैयारी कर रहा है. गद्धामुक्त सड़कों की जांच के लिए चलाए गए विशेष अभियान की जांच रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय में जमा कर दी गई है. सभी जांच रिपोर्ट विभागाध्यक्ष वीके सिंह के पास है और अब सिर्फ कार्यवाई बाकी है.
विभागाध्यक्ष बीके सिंह ने सभी जांच रिपोर्ट का विश्लेषण कर लिया है. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाते हुए उनको निलंबित करने की तैयारी की जा रही है. इस विशेष अभियान के दौरान गड्ढामुक्त की गई सड़कों की जांच में 10 जिलों में सबसे ज्यादा खराब हालात में सड़कें मिलीं. हाथरस, मिर्जापुर, गाजीपुर ,औरैया, बस्ती, श्रावस्ती, पीलीभीत, आजमगढ़ और इलाहाबाद में भी अनियमितता मिली है.
अनियमितता में शामिल 20 अधिशासी अभियंता, 26 सहायक अभियंता, 27 अवर अभियंता और 2 ठेकेदार कंपनियों पर भी कार्रवाई होगी.
जांच टीम में चीफ इंजीनियर और एक्सईएन स्तर के अधिकारी शामिल थे और इन सभी ने अपने कार्यक्षेत्र से अलग जिलों में जाकर 2 दिन तक गड्ढामुक्त हुई 44 हजार से ज्यादा सड़कों की जांच की है.
गौरतलब है कि 15 जून तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने की कार्ययोजना के तहत 72 हजार किमी से ज्यादा लंबी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया था. उनमें से कई जिलों में इनकी गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी. इन शिकायतों पर गौर करते हुए ही विभागध्यक्ष वीके सिंह ने 21 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक प्रदेश के सभी जिलों में विशेष जांच अभियान की शुरुआत की थी. लेकिन पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों के बाढ़ की चपेट में आ जाने के चलते ये जांच समय से पूरी नही हो पाई थी. अब रिपोर्ट के बाद बड़ी कार्यवाई की तैयारी की की जा रही है.
हालांकि, लोकनिर्माण विभाग में पहले ही भ्रष्टाचार को लेकर अब ठेकेदारों और अधिकारियों पर शिकंजा कस दिया गया है. अनियमितता और भ्रष्टाचार में लिप्त 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था और 7 बड़ी फर्मो को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था. साथ ही 15 फर्मों को काली सूची में डालने का निर्देश भी जारी हो गया है.
कुल मिलाकर अब यह साफ हो गया है कि योगी सरकार में जो काम नही करेगा उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. अब डिप्टी सीएम केशव मौर्य के निर्देश पर अब बड़ी कार्यवाई ने साफ कर दिया है कि काम नहीं करने वाले वह घर जाएगा.