Movie Review : आपा के खौफ को बरकरार रखने में नाकामयाब हसीना
फिल्म– हसीना पार्कर
रेटिंग– 2.5
सर्टिफिकेट– U/A
अवधि– 2 घंटा 04 मिनट
स्टार कास्ट– श्रद्धा कपूर, अंकुर भाटिया, सिद्धांत कपूर, दधि पांडे
डायरेक्टर– अपूर्व लाखिया
प्रोड्यूसर– दृश्यम फिल्म्स
कहानी– फिल्म अंडरवर्ड डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर के आपा बनने तक के सफर की कहानी है। फिल्म के शुरुआती दौर में दिखाया गया है कि हसीना का उसके भाई के काम से कोई नाता नहीं था। वह अपने पति के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही थी लेकिन 1993 के बम ब्लास्ट के बाद उसकी जिंदगी बदल जाती है। भाई के काले कारनामों की परछाईं हसीना और उसके परिवार की जिंदगी पर पड़ती है।
उसके भाई से दुश्मनी की वजह से अरुण गुलाब गवली बदला लेने के लिए उसके पति को तरवा देता है। वहीं बम ब्लास्ट के बाद पुलिस वाले हसीना को परेशान कर के रख देते है सिर्फ इसिलिए क्योंकि वह दाउद की बहन होती है।
पति के मर जाने के बाद किस तरह हसीना अपने बच्चों को संभलती है। इसके अलावा किस तरह सीधी सादी हसीना आपा बन जाती है। मुंबई में उसका खौफ बढ जाता है। उसके खिलाफ कई केस दर्ज होते हैं फिर भी पुलिस उसका कुछ नहीं कर पाती है। फिल्म में हसीना के पूरे सफर को दिखाया गया है।
एक्टिंग– हसीना पार्कर के किरदार को अपनाने के लिए श्रद्धा कपूर ने बहुत उम्दा कोशिश की है। उन्होंने अपने किरदार से साथ पूरा न्याय किया है। आपा के किरदार को पर्दे पर स्वाभाविक दिखाने की भरपूर कोशिश की गई है। श्रद्धा के अलावा फिल्म के बाकी लोगों ने भी अच्छा काम किया है।
डायरेक्शन– फिल्म का डायरेक्शन ठीक है। कहानी के मुताबिक लोकेशन बहुत अच्छी लगी है। स्क्रीनप्ले में बहुत सुधार की जरूरत है। कहानी की पकड़ काफी कमजोर नहीं लगती है।
म्यूजिक– फिल्म का म्यूजिक कुछ खास नहीं है। रिलीज से लॉन्च हुए गाने छाप छोड़ने में असफल रहे हैं। गाने दर्शकों के बीच अपनी जगह नहीं बना पाए हैं। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है।