जिनके ऊपर मेहरबान हुआ सुप्रीम कोर्ट उन्हीं से है देश को सबसे बड़ा खतरा!
नई दिल्ली। म्यांमार से पलायन कर भारत आए रोहिंग्या मुसलामानों को लेकर शुरू में ही राजनीतिक जंग छिड़ गई थी। इन शरणार्थियों को लेकर कई बार वाद-विवाद की नौबत आ गई। कई लोगों ने इन रोहिंग्या मुस्लिमों से देश को खतरा बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे मानवता के चश्मे से देखने की सलाह तक दे डाली।
लेकिन अब वही हुआ जिसका हर भारतवासी को डर था। रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर उत्तर पूर्वी राज्य नगालैंड की पुलिस की खुफिया जानकारी के मुताबिक इन शरणार्थियों द्वारा स्थानीय लोगों पर हमले की आशंका जताई गई है।
बता दें नागालैंड पुलिस की खुफिया इकाई के हवाले से कहा गया है कि दीमापुर के एक इमाम के रोहिंग्या विद्रोहियों के संपर्क में होने की भी पुष्टि की है। साथ ही दावा किया है कि रोहिंग्या उग्रवादियों की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
आखिर कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम
म्यांमार में रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय है। सन 1982 में म्यांमार ने रोहिंग्या की नागरिकता खत्म कर दिया था। वहीं म्यांमार सरकार रोहिंग्या को बांग्लादेश से आए हुए अवैध घुसपैठिए मानती है।
जिसके तहत अगस्त 2017 में रोहिंग्या उग्रवादियों द्वारा म्यांमार के सुरक्षा बलों पर हमला किया गया। उसके बाद म्यांमार की सेनी ने रोहिंग्या उग्रवादियों के खिलाप अभियान शुरू कर दिया।
वहीं रोहिंग्या ने दावा किया है कि सेना निर्दोष लोगों को भी मार रही है। लाखों रोहिंग्या पिछले कुछ महीनों में म्यांमार से पलायन कर चुके हैं। बता दें सबसे ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं। साथ ही भारत एवं अन्य मुस्लिम देशों में भी रोहिंग्या शरण ले रहे हैं।
अधिकारियों को हमले की आशंका
ख़बरों के मुताबिक इसके लिए बांग्लादेश से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री एकत्र करने शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि बाहर निकालने की कोशिश होने पर करीबन 2,000 मुसलमानों ने नागाओं के खिलाफ हथियार उठाने के लिए तैयार है।
वहीं इमाम नागालैंड पर कब्जे के तहत केहो और हेब्रोन कैंप पर हमले की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी संगठन ISIS से जुड़े करीब 20 आतंकवादी नगालैंड में उग्रवादियों को ट्रेनिंग देने के लिए घुसपैठ कर चुके हैं। एक अन्य खबर के अनुसार नगालैंड में हमले भी कराए जा सकते हैं।
वहीं इन ख़बरों के बाद दीमापुर में संदिग्ध मुसलमानों की गतिविधियों पर नजर रखने के कड़े निर्देश दिये गये हैं। बीएसएफ के सेवानिवृत्त आईजी वीके गौड़ के मुताबिक शरणार्थी कैम्पों में नए लोगों के आने पर सख्त रोक लगाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ये माना जा रहा है कि कैम्पों में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन अल-कायदा, जमात-उद-दावा, जमात-ए-इस्लामी, इस्लामिक स्टेट, छात्र शिबिर और दूसरे मुस्लिम आतंकवादी संगठनों के लोग घुसपैठ करने में सफल हो चुके हैं।
बकौल गौड़ इन कैम्पों में राहत सामग्री बांटने में कई मुस्लिम देश मदद कर रहे हैं जिसका आतंकवादी फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि भारतीय सुरक्षा बल को भी घेरे में लेते हुए कहा कि उसमें भी कुछ ऐसे लोग हैं जिनकी सहानुभूति उग्रवादियों के साथ है।
खुफिया जानकारी के मुताबिक भारत और बांग्लादेश की 4096 किमी. लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 140 ऐसी जगहों की पहचान की गयी है जहाँ से रोहिंग्या आतंकवादी घुसपैठ करने में सफल हो सकते हैं।