करवा चौथ 2017: करवा चौथ का व्रत रखने से डरती हैं मथुरा के इस कस्बे की महिलाएं
मथुरा: करवा चौथ एक ऐसा त्योहार है जिसे हर सुहागन महिला अपने पति की लम्बी उम्र के लिए मनाती है और व्रत रखती है. लेकिन मथुरा में एक एसी जगह भी है जहां करवा चौथ का पर्व आते ही सन्नाटा फैल जाता है और सुहागिन महिलाएं व्रत रखना तो दूर पूजा भी नहीं करती हैं. ये मथुरा का सुरीर कस्बा है, जहां सालों से करवा चौथ का त्योहार नहीं मनाया जाता. 30 हजार की आबादी वाला सुरीर कस्बा में अनहोनी की आशंका से करवा चौथ नहीं मनाया जाता. इसके पीछे एक पुरानी मान्यता है.
ये है मान्यता –
दरअसल आज से करीब तीन सौ साल पहले नजदीक के ही गांव राम नगला का एक ब्रह्मण दम्पति यहां से गुजर रहा था. इस पति पत्नी के जोड़े को विदाई में एक भेंसा मिला था. ये जोड़ा जैसे ही सुरीर के नजदीक पहुंचा की तभी इस गांव के लोगों ने उसे ये कहते हुए रोक लिया की ये भेंसा तो उनका है लेकिन जब पंडित ने कहा की उसे तो ये उसकी ससुराल से विदाई में मिला है और वो इसे नहीं लौटाएगा तो फिर गांव वालों ने मिलकर उस पंडित की हत्या कर दी अपने पति की हत्या देख उसकी पत्नी ने इस पूरे सुरीर कस्बे के लोगों को श्राप दिया की जिस तरह से वो विधवा हुई है इसी तरह से इस गांव की हर बहु-बेटी विधवा होगी और सती हो गई. इसी श्राप के कारण आज भी इस कस्बे की सुहागन महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखतीं.
डरी हुई रहती हैं महिलाएं
करवा चौथ का पर्व आते ही हर सुहागिन महिला अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हैं लेकिन इस कस्बे की महिलाएं सती के श्राप से इतनी डरी हुई हैं की वो इस पर्व को नजदीक आते ही एक अनजान डर से सहमी रहती हैं और जब तक करवा चौथ का पर्व न निकल जाए तब तक वो डरी हुई ही रहती हैं.
ये है शूभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन पूजा का विशेष ध्यान दिया जाता है. इस बार पूजा करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:55 से शाम 7:09 के बीच करनी है, यानि आपके पास पूजा के लिए 1 घंटा 14 मिनट का वक्त मिलेगा. वहीं करवा चौथ पर यानि 8 अक्टूबर को रात्रि 8.10 मिनट पर हो रहा है. बता दें कि आज के दिन महिलाएं चांद देखने के बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं.