संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने परमाणु हथियारों को लेकर सुरक्षा परिषद बयान दिया है. बुधवार को उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व के लक्ष्य और उनके उन्मूलन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत का परमाणु उन्मूलन एसएसओडी -1 के अंतिम दस्तावेज के मुताबिक है.
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, “भारत, परमाणु हथियार मुक्त दुनिया और परमाणु निरस्त्रीकरण की सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरुप परमाणु हथियारों के पूरी तरह से खात्मे के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है.”
उन्होंने यूएन में परमाणु हथियारों को पूरी तरह खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस का प्रचार करने की खातिर आयोजित हाई लेवल मीटिंग में ये बातें कही.
अकबरुद्दीन के मुताबिक, विश्वास और भरोसा कायम करने और सुरक्षा सिद्धांतों में परमाणु हथियारों की प्रमुखता को कम करने के लिए परमाणु संपन्न सभी देशों के बीच सार्थक बातचीत की जरूरत है.
India remains committed to the goal of a nuclear weapons free world & complete elimination of nuclear weapons: Syed Akbaruddin #UNGA 1/2
— ANI (@ANI) September 27, 2017
कॉन्फ्रेंस में परमाणु निशस्त्रीकरण पर उन्नति के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा को दिखाने संबंधी कार्यक्रम को नहीं अपनाए जाने पर अकबरुद्दीन ने अफसोस भी जाहिर किया.
India remains committed to the goal of a nuclear weapons free world & complete elimination of nuclear weapons: Syed Akbaruddin #UNGA 1/2
— ANI (@ANI) September 27, 2017
अफगान टेरर फंडिंग पर बैन लगाने की मांग
इसके पहले अकबरुद्दीन ने अफगान टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा. पाकिस्तान को ‘आतंकियों का स्वर्ग’ बताते हुए उन्होंने सुरक्षा परिषद से अफगानिस्तान में आतंकियों की फंडिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
सैयद अकबरुद्दीन का कहना है कि प्रतिबंध ही एकमात्र ऐसा जरिया है, जिससे पाकिस्तान से आतंकवाद को कम किया जा सकता है. बता दें कि अफगानिस्तान के आतंकवादी समूहों, हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, भारत-केंद्रित समूह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के लिए पाकिस्तान घर जैसा है.
उन्होंने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का एक बार भी नाम नहीं लिया, लेकिन ऐसे आतंकी समूहों के नाम गिनाए, जो पाकिस्तान में मौजूद हैं. सैयद अकबरुद्दीन ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान की सुंप्रभुता और स्थायित्व को सुरक्षित रखने की जरूरत है. वहां एंटी-गवर्नमेंट आतंकी तत्व अमन-चैन का माहौल बिगाड़ रहे हैं. सीमा पार से इनकी फंडिंग हो रही है.
सुरक्षा परिषद में सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “अफगानिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के कदम का भारत समर्थन करता है. सीमा पार से फंडिंग लेकर अपने देश में आतंक फैलाने वाले संगठनों से लड़ने की विश्व की कोशिश में भारत साथ है.”
अकबरुद्दीन ने कहा कि विश्व में कहीं भी और किसी भी स्तर पर आतंकियों के लिए सुरक्षित और संरक्षित जगह नहीं बनने दी जाएगी.