कुलभूषण जाधव मामला : ICJ में भारत ने इन तर्कों से दिया पाक को जवाब
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी पर सोमवार को इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत और पाकिस्तान ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं. भारत ने कुलभूषण जाधव का बचाव करते हुए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का दोषी बताया तो पड़ोसी देश ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में लाने पर ही सवाल उठाया. अब सबकी नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.
भारत ने कहा कि कुलभूषण जाधव को फांसी देना मानवाधिकार का उल्लंघन है. साथ ही वियना समझौते का उल्लंघन है. भारत का पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने इंटरनेशनल कोर्ट के सामने कहा कि मानवाधिकार और अतंराष्ट्रीय कानून के आर्टिकल 36 में कांसुलर एक्सेस (राजनयिक मुलाकात) का अधिकार है, लेकिन कुलभूषण के मामले में इन नियमों का पालन नहीं किया गया. हमारे (भारत) काफी अनुरोध के बाद भी पाकिस्तान की ओर से जाधव से मिलने की इजाजत नहीं दी गई.
भारत की दलीलें
1. पाकिस्तान ने बुनियादी, मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया.
2. जाधव से जब इकबालिया बयान दिलवाया गया, जब वह पाकिस्तान की सैन्य हिरासत में थे.
3. हम जाधव के लिए उचित कानूनी प्रतिनिधित्व चाहते हैं.
4. पाकिस्तान ने विएना समझौते के उल्लंघन किया.
5. पाकिस्तान ने जाधव की कूटनीतिक पहुंच के 16 आग्रह ठुकरा दिए.
6. आईसीजे के फैसले से पहले ही कुलभूषण को फांसी दी जा सकती है.
7. कुलभूषण की मौत की सजा तत्काल निलंबित की जाए.
8. पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ सुनवाई प्रक्रिया ‘हास्यास्पद’.
9. अपने बेटे से मिलने के जाधव की मां के आग्रह का पाकिस्तान ने जवाब नहीं दिया.
10. जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यवसाय कर रहे थे.
पाकिस्तान का पक्ष
1. भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था.
2. भारत के साथ सबूत साझा किए और जांच में शामिल होने की अपील की.
3. कुलभूषण जाधव राजनयिक पहुंच पाने के योग्य नहीं.
4. वियना समझौता ऐसे जाजूस पर लागू नहीं होता, जो आंतकवादी गतिविधियों में शामिल रहा हो.
5. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई.
6. कुलभूषण जाधव मामले को इंटरनैशनल कोर्ट में लाना अनावश्यक और गलत है.
7. भारत ने इस कोर्ट को राजनीतिक थिअटर के रूप में इस्तेमाल किया.
8. आईसीजे का दायरा सीमित है और यह आपराधिक मामलों की सुनवाई नहीं करता.
9. भारत कुलभूषण जाधव के पासपोर्ट पर स्पष्टीकरण नहीं दे पाया, जिसमें एक मुस्लिम नाम है.
10. जांच की डीटेल्स मुहैया कराए जाने के बाद भारत ने चुप्पी साधी और कोई जवाब नहीं दिया.