ऋतिक के माता-पिता का हो रहा है तलाक- हैरान जज साहब ने की अहम टिप्पणी

Hrithik's parents get divorced,Surprised Judge's Important Commentary Samastipur Now
0 134
Above Post Campaign

Noida । विवाह विच्छेद के एक मामले में सुनवाई के दौरान ऐसा पल आया कि वहां मौजूद लोगों को लगा कि कोर्ट में किसी Film की Shooting हो रही है। 11 वर्षीय बेटा Hrithik लगातार 40 मिनट तक पिता के कलेजे से लिपट कर रोया और बार-बार कहता रहा- ‘पापा मत दो मां को तलाक, मैं घर पर सब ठीक कर दूंगा।’

वहीं, पिता की संवेदना और आत्मीयता इतनी शून्य हो चुकी थी कि उनको देखकर कोर्ट में Judge Anil Kumar Singh भी भावुक हो गए। पिता के लगातार मूक दर्शक बने रहने और बेटे के चिल्ला-चिल्ला कर रोने से न्यायाधीश ने तलाक के इस मामले को विचित्र प्रकरण करार दिया है।

न्यायाधीश ने फैसला 23 जनवरी को सुनाने का निर्णय किया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता केके भाटी ने बताया कि 12 साल पहले औरेया की रहने वाली Sandhya से Amit ने विवाह किया था। दोनों की शादी हिंदू रीति रिवाज से हुई थी। दोनों का 11 साल का बेटा भी है। दोनों के बीच छह साल तक सब कुछ ठीक चला।

Middle Post Banner 1
Middle Post Banner 2

इसी बीच Amit का स्थानांतरण Noida कार्यालय में हो गया। वह फिलहाल एक निजी फैक्टरी में उच्च पद पर कार्यरत हैं। अमित के Noida आने के बाद दोनों के संबंधों में मनमुटाव होने शुरू हो गए। साल 2015 में Amit ने Sandhya से तलाक की अर्जी जिला न्यायालय में लगाई।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि संध्या अपने पति से तलाक नहीं चाहती है। कुछ दिनों पहले विधि परामर्श के बाद पति-पत्नी एक साथ रहने को तैयार हो गए थे।

न्यायाधीश ने की टिप्पणी

तलाक के विचित्र प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने भावपूर्ण ढंग से इस मामले में कहा कि प्रत्येक माता-पिता का यह नैतिक, सामाजिक व विधिक उत्तरदायित्व है कि वह अपनी नाबालिग संतानों के हित, कल्याण व सर्वागीण विकास की ओर देखें।

Below Post Banner
After Tags Post Banner 2
After Tags Post Banner 1
After Related Post Banner 2
After Related Post Banner 3
After Related Post Banner 1
Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Close