मौसम के कारण थाली से गायब हो रही है हरी सब्जियां

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समस्तीपुर: प्याज की आसमान छूती कीमतों के बाद अब हरी सब्जियों के भी लाले पड़ने लग गये हैं. इसका मुख्य कारण मौसम में लगातार हो रहा उलटफेर बताया जा रहा है. सब्जी के अचानक आसमान छूते भाव ने सभी परिवार की परेशानी बढ़ा दी है. निचले व मध्यम वर्ग के परिवारों की थाली से तो एक तरह से हरी सब्जी गायब हो चुकी है. वहीं जो लोग कल तक किलो में हरी सब्जी खरीदते थे वे अब पाव में ही सब्जी की खरीदारी कर रहे हैं.

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इसके कारण सब्जी का व्यवसाय भी काफी प्रभावित हो रहा है. शहर के कई सब्जी दुकानदारों ने बताया कि पहले सब्जी सस्ती थी तो आमदनी भी अच्छी थी, लेकिन महंगी होने के कारण सब्जी का बाजार काफी प्रभावित हो रहा है. वे लोग भी अब कम मात्रा में ही सब्जी खरीदते हैं. रेट अधिक होने के कारण इसकी बिक्री नहीं होने पर काफी नुकसान हो जाता है. ताजपुर प्रखंड के हाईवे किनारे स्थित मोतीपुर सब्जीमंडी में सब्जियों की आमद कम होने से दुकानदार बेकार बैठे रहने को विवश हैं. इसी तरह समस्तीपुर बाजार समिति समेत अन्य सब्जियों मंडियों का भी लगभग यही हाल है.

सब्जी व्यापारियों का बताना है कि बीते वर्षों में इस समय मंडी में कुल मिलाकर सभी सब्जियों की आमद 40 से 50 टन रोजाना होती थी. परंतु इस बार मौसम के कारण खेती प्रभावित हो जाने से कुल मिलाकर महज दस टन ही सब्जियों की आमद हो पाती है. मंडी में टमाटर बंगलोर से तथा प्याज नासिक से मंगाकर बेचे जा रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि 50 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से जहां प्याज बिक रहा है तो 80 से 90 रूपये प्रतिकिलो टमाटर का भाव है. इन कारणों से भी हरी सब्जियों के भाव धीरे-धीरे अब आसमान छूते जा रहे हैं.

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