फरीदाबाद: दिल्ली से सटे फ़रीदाबाद में गौरक्षकों की गुंडागर्दी का एक सनसनीख़ेज़ मामला सामने आया है. आज़ाद नाम के एक विकलांग ऑटोड्राइवर और उसके परिवार के ही 4 लोगों को गाय का मांस ले जाने शक में गौरक्षकों ने बेदर्दी से पीटा. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि मांस भैंस का था. पुलिस अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ कर उनकी तलाश में जुट गई है. मामला शुक्रवार सुबह का है जब आज़ाद अपने ऑटो में किसी के लिये भैंस का मीट लेकर NIIT से पुराने फ़रीदाबाद जा रहे थे, तभी कथित गौरक्षक उन्हें एक सुनसान जगह ले जाकर पीटने लगे. आज़ाद ने उन्हें बाताया कि ये भैंस का मीट है पर गौरक्षकों ने उसकी एक न सुनी. जब आज़ाद ने ख़ुद को बचाने के लिए अपने तीन भाईयों को बुलाया तो इन कथित गौरक्षको ने उनकी भी जमकर पिटाई कर दी. वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने आज़ाद के ऊपर पेट्रोल डालकर जलाने की भी कोशिश की लेकिन इलाके के दरोगा ने आकर किसी तरह आज़ाद की जान बचाई.
आज़ाद ने बताया कि पहले सिर्फ़ 6 गौरक्षक थे, बाद में तकरीबन 40 से 50 और इकट्ठे हो गए. यहां तक कि उन्होंने आज़ाद से जय हनुमान और गौ माता की जय बोलने के लिए कहा, पर आज़ाद के मना करने पर आज़ाद के सीने पर दो बार मोटरसाइकिल चढ़ा दी. वहीं पुलिस का कहना है कि इस बात की पुष्टि कर ली गई है कि मांस गाय का नहीं बल्कि भैंस का है.
पुलिस पूरे मामले में 7 लोगों की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है. गौरक्षकों ने विकलांग आज़ाद की ऑटो भी तोड़ दी है, आज़ाद के घरवालों को डर है कि आज़ाद के अस्पताल में भर्ती रहने तक उन्हें दो वक्त की रोटी कैसे मिलेगी क्योंकि आज़ाद ही अपने घर का इकलौता कमाने वाला है.