प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों की समयबद्ध जांच के लिए त्रिवेंद्र रावत सरकार एक स्थाई भ्रष्टाचार जांच आयोग का गठन करेगी. स्वतंत्रता दिवस पर किए गए मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद कांग्रेस और भाजपा इस मामले पर आमने-सामने आ गए हैं.
सरकार के इस स्थाई भ्रष्टाचार जांच आयोग पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने हमला बोलना. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनाने के बाद सीएम त्रिवेंद्र रावत ने एक महीने में लोकायुक्त कानून बनाने का दावा किया था जो फुस्स हो गया. वह नहीं हो पाया तो सरकार ने भ्रष्टाचार जांच आयोग बनाने का शिगूफ़ा छोड़ दिया. प्रीतम कहते हैं कि सरकार की यह कार्यप्रणाली कुछ समझ नहीं आ रही.
कांग्रेस के इस सवाल पर का जवाब देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट कहते हैं कि आयोग बनाने से भाजपा सरकार का मकसद भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लगाना है. आयोग तुरंत कार्रवाई और तुरंत नोटिस देने का कम करेगा. भट्ट ने कहा कि सरकार लोकायुक्त कानून भी बनाने जा रही है. वह अपना काम करेगा और भ्रष्टाचार जांच आयोग अपना.
दरअसल उत्तराखंड में जब चुनाव आते हैं तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रदेश की जनता को पूर्व सरकारों के भ्रष्टाचार की जांच करने का वादा करते हैं. अब तक प्रदेश में दो बार कांग्रेस और दो बार भाजपा की सरकार बनी है लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार जांच के लिए आयोग ही बने हैं किसी का कोई परिणाम नहीं मिला.